नई दिल्ली। दीवाली भले ही इस साल पिछले सात-आठ वर्षों में अपेक्षाकृत साफ बीत गई हो, लेकिन अब दिल्ली एनसीआर में सांसों का आपातकाल लगने का समय आ गया है। दिल्ली एनसीआर रेड जोन में पहुंच चुका है। पराली जलाने की घटनाएं और उसका धुआं तेजी से बढ़ रहा है तो मौसमी परिस्थितियां भी प्रतिकूल होने लगी हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी शुक्रवार को आपात बैठक की। एक दो दिन में फिर से बैठक कर ग्रेप का तीसरा चरण लागू करने पर विचार किया जा सकता है।
हवा की दिशा बदलने से स्थिति गंभीर
गौरतलब है कि सफर इंडिया, सीपीसीबी और मौसम विभाग सभी का पूर्वानुमान था कि दीवाली तक दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण में रहेगा जबकि इसके बाद बिगड़ना शुरू हो जाएगा। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही थी कि पहले हवा की दिशा दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी चल रही थी। इसीलिए पराली का धुआं भी बहुत कम मात्रा में पहुंच रहा था। लेकिन दीवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी होगी तो पराली का धुआं कहीं ज्यादा मात्रा में दिल्ली पहुंचने लगेगा।
दिल्ली के सात इलाकों में एयर इंडेक्स 400 के पार
सीपीसीबी द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 357, फरीदाबाद का 346, गाजियाबाद का 384, ग्रेटर नोएडा का 364, गुरुग्राम का 333 और नोएडा का 371 दर्ज किया गया। सभी जगह की हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली के सात इलाकों आनंद विहार, वजीरपुर, विवेक विहार, शादीपुर, बवाना, जहांगीरपुरी और नरेला इलाका शुक्रवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। इन जगहों पर एयर इंडेक्स 400 से ऊपर यानी गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। इसके अलावा कई ऐसे इलाके हैं जहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी के बेहद करीब रहा। मंदिर मार्ग में जहां आमतौर पर सबसे साफ हवा रहती है, वहां भी शुक्रवार को एयर इंडेक्स 229 यानी खराब श्रेणी में दर्ज किया गया।
तापमान गिरने के साथ ही दोबारा बढ़ता है प्रदूषण
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर इंडिया के अनुसार पंजाब एवं हरियाणा की तरफ से लगातार पराली का धुआं हवा के साथ दिल्ली में आ रहा है। इसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली में सतही हवा की रफ्तार सिर्फ छह किमी प्रतिघंटा के आसपास है। इस वजह से भी प्रदूषण के कण तेजी से बहकर बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और प्रदूषण गहरा रहा है। दिन में धूप की वजह से इसमें कुछ कमी आती है लेकिन रात को तापमान गिरने के साथ ही दोबारा प्रदूषण बढ़ने लगता है। सफर का मानना है कि अगले सप्ताह भर तक दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में ही बना रहेगा और आगे गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तीसरे चरण में यह प्रतिबंध होंगे लागू
- दिल्ली एनसीआर में निर्माण व तोड़फोड़ पर रोक। इसमें रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, राष्ट्रीय सुरक्षा, डिफेंस, राष्ट्रीय महत्व के प्रोजक्ट शामिल नहीं हैं। वहीं ऐसे काम जो प्रदूषण नहीं फैलाते जैसे प्लंबिंग, इंटीरियर डेकोरेशन, इलेक्ट्रिकल और कारपेंटर आदि को भी छूट दी गई है।
- एनसीआर में जो इंडस्ट्री पीएनजी, क्लीन फ्यूल या बायोमास का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं उन्हें हफ्ते में पांच दिन काम की अनुमति होगी। इंडस्ट्री के छोटे छोटे क्लस्टर बनाकर उनमें अलग अलग दिन आफ रहेगा।
- ईंट भट्टे, हाट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर नहीं चलेंगे। इसमें उन्हें छूट रहेगी जो पीएनजी या बायोमास फ्यूल से चल रहे हैं।
- दिल्ली एनसीआर में माइनिंग व इससे जुड़ी गतिविधियां बंद रहेंगी
- राज्य सरकारें बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की कारों पर रोक लगाने संबंधी निर्णय ले सकती हैं।
14.6 डिग्री रहा दिल्ली का न्यूनतम तापमान
शुक्रवार को दिल्ली में आसमान साफ रहा और दिन भर धूप खिली रही। अधिकतम तापमान सामान्य स्तर पर 31.3 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 98 से 48 प्रतिशत रहा। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को आसमान साफ रहेगा। सुबह के समय धुंध होगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 31 और 15 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।