दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘अनब्रेकेबल’ की स्क्रीनिंग पर दिल्ली पुलिस ने लगाई रोक

Deepak Sharma
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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जारी सियासी सरगर्मी के बीच एक विवाद ने तूल पकड़ लिया है। आज, 18 जनवरी 2025 को आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘अनब्रेकेबल’ की स्क्रीनिंग को दिल्ली पुलिस ने अचानक रोक दिया। यह डॉक्यूमेंट्री दिल्ली पुलिस द्वारा आप नेताओं के जेल जाने के घटनाक्रम पर आधारित थी और इसे दोपहर 12 बजे से विभिन्न थिएटरों में प्रदर्शित किया जाना था।

डॉक्यूमेंट्री पर रोक की वजह क्या है?

आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने बीजेपी के दबाव में आकर इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक लगाई है। उनका आरोप है कि बीजेपी ने दिल्ली पुलिस को निर्देशित किया था, जिसके चलते पुलिस ने थिएटर मालिकों को धमकी दी और उन्हें यह आदेश दिया कि वे इस डॉक्यूमेंट्री को प्रदर्शित न करें।

आप नेताओं ने इस निर्णय को राजनीतिक दमन की कोशिश करार दिया है और यह दावा किया कि बीजेपी अपनी राजनीतिक हताशा के चलते उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है।

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आम आदमी पार्टी का विरोध और मंशा

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने साफ तौर पर कहा है कि वे इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने के अपने निर्णय पर अड़े हुए हैं। पार्टी का मानना है कि बीजेपी के दबाव के बावजूद वे इसे जनता के सामने लाएंगे, क्योंकि यह डॉक्यूमेंट्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के दौरान हुए घटनाक्रमों और उनके संघर्ष को दर्शाती है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, ‘अनब्रेकेबल’ डॉक्यूमेंट्री में केजरीवाल के संघर्ष और उनके राजनीतिक सफर को लेकर घटनाएँ साझा की गई हैं, जो उनके समर्थकों और आम जनता के लिए प्रेरणास्त्रोत बन सकती हैं।

डॉक्यूमेंट्री का विषय और सियासी पृष्ठभूमि

यह डॉक्यूमेंट्री ‘अनब्रेकेबल’ अरविंद केजरीवाल पर आधारित है और उनके जेल जाने के समय के घटनाक्रम को समेटे हुए है। इस डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य उनके संघर्ष और उनकी राजनीतिक यात्रा को उजागर करना था, खासकर उन घटनाओं को, जब वह भ्रष्टाचार और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का सामना कर रहे थे।

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बता दें कि यह डॉक्यूमेंट्री उस समय प्रदर्शित की जा रही थी, जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अपने चरम पर थी। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, और आम आदमी पार्टी चौथी बार सत्ता में वापसी के लिए जोरदार प्रचार कर रही है। इस चुनावी मौसम में, दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मुख्य मुकाबला देखा जा रहा है।

सियासी माहौल और चुनावी रणनीतियां

दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में दोनों प्रमुख दल—आप और बीजेपी—पूरी ताकत झोंक चुके हैं। बीजेपी जहां केजरीवाल और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और असमर्थता के आरोप लगा रही है, वहीं आम आदमी पार्टी भी अपना पक्ष रखने में पीछे नहीं है। ‘अनब्रेकेबल’ डॉक्यूमेंट्री इस सियासी माहौल में एक महत्वपूर्ण हथियार बन सकती थी, जो केजरीवाल की छवि को लेकर भाजपा के आरोपों का जवाब देती।

अखिल भारतीय राजनीतिक दृष्टिकोण

इस घटनाक्रम को लेकर राजनीति के अंदर और बाहर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के मुद्दे केवल दिल्ली में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी अहम हो सकते हैं। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ बीजेपी का यह कदम एक बार फिर दिखाता है कि राजनीतिक विरोधी पार्टी के खिलाफ किसी भी हथकंडे का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करती। वहीं, आप पार्टी इसे लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश मानती है।

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आगे क्या होगा?

अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी आगे क्या कदम उठाती है। क्या वे किसी अन्य तरीके से डॉक्यूमेंट्री को जनता के सामने लाएंगे, या फिर कानूनी कार्रवाई के जरिए इस रोक को चुनौती देंगे?

आप नेताओं का कहना है कि इस स्थिति में वे दबाव में आने वाले नहीं हैं और अपनी बात को जनता तक पहुँचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं, बीजेपी के लिए यह एक और मौका हो सकता है, जहां वे केजरीवाल की छवि को और धूमिल करने की कोशिश कर सकती है।

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