एटा । समाजवादी पार्टी की सरकार में जिन दो भाइयों का ऐसा जलवा था, कि जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान भी थरथर कपते थे। आज मामूली दरोगा भी उनको सबक सिखाने के लिए तैयार बैठा है। हम बात कर रहे हैं पूर्व विधयक रामेश्वर यदव और उनके भाई तथा जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा यादव के पति पूर्वजिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्रसिंह यादव की।
गुरुवार को एक और महिला सामने आई और उसने पूरे परिवार पर दुराचार और बंधक बनाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर दी। दरअसल रामेश्वर यादव और जोगेंद्र सिंह यादव आज जो भुगत रहे हैं इसके बीज इन लोगों ने खुद समाजवादी पार्टी के शासन मे बोये थे । राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव से दूर की रिश्तेदारी के चलते समाजवादी पार्टी के शासनकाल में दोनों भाइयों ने अच्छा खासा भौकाल बना लिया था। समूचा प्रशासन तंत्र इनके आगे नतमस्तक था।
थर-थर कांपते थे जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान
थाना प्रभारी की तो औकात क्या थी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी इनका आदेश टालने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे । किस थाने में कौन थाना प्रभारी होगा, किस सर्कल में कौन सीओ होगा, कौन एसडीएम होगा सभी फैसला दोनों भाई करते थे। किस मुकदमे में चार्जसीट लगेगी, किस मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट जाएगी, यह फैसला भी उनके घर से होता था ।
ताकत के इस नशे में यह सभी नेताओं से टकरा जाते थे। यहां तक के अपने यादव समाज के लोगों कोभी इन्होंने नहीं बक्सा। लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार जाने के बाद और भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद हालात बदल गए। उनके पुराने कारनामे जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे तो उन्होंने दोनों भाइयों और उनके परिवार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए।
भाजपा काल में दर्ज हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुई घटनाओं के मुकदमे
इसके बाद शुरू हो गया उनके पतन का सिलसिला समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुई घटनाओं के मुकदमे भाजपा शासन में दर्ज किए जाने लगे। कुछ मुकदमे तो ऐसे दर्ज हो गए जो बिना सिर पर के प्रथम दृष्टिया लगते हैं। लेकिन कोई भी राजनेता उनकी मदद में सामने आने को तैयार नहीं है। हालांकि उनके शासन काल में हर दल के नेता इनसे मिलकर लाभ उठाते रहे हैं। अब जो भी महिलाएं या अन्य लोग इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए आते हैं । उनकी तहरीर की जांच कर थाना प्रभारी अधिकारीयों की राय लेकर तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर लेते हैं।