भरतपुर: राजस्थान के प्रमुख जिलों में से एक भरतपुर में स्थित जिला न्यायालय के नवीन भवन में मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। यहां की अदालतों के बाहर बैठने की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिससे वादी, प्रतिवादी, गवाह और आगंतुकों को जमीन पर बैठने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस स्थिति को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट और हिन्दुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह तोमर “राजा भईया” ने जिला न्यायाधीश को लिखित शिकायत दी है और इसके समाधान की मांग की है।
नवीन न्यायालय भवन में बुनियादी सुविधाओं की कमी
भरतपुर जिले में राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित नवीन न्यायालय भवन में कोर्ट रूम्स के बाहर बैठने की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। अदालत में आने वाले वादी, प्रतिवादी, गवाह, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्गों को मजबूरी में जमीन पर बैठना पड़ता है, जो स्पष्ट रूप से मानव अधिकारों का उल्लंघन है। यह स्थिति न केवल मानवीय दृष्टिकोण से गलत है, बल्कि न्यायालयों की जिम्मेदारी और समाज की बुनियादी सुविधाओं के प्रति एक बड़ी चूक भी है।
जनहित और मानवता की सुरक्षा के लिए एड. राजा भईया का अभियान
एडवोकेट राजेन्द्र सिंह तोमर “राजा भईया” ने इस मुद्दे को लेकर जिला न्यायालय के सचिव और जिला न्यायाधीश को ई-मेल द्वारा शिकायत भेजी है, जिसमें अदालत परिसर के फोटोग्राफ्स भी संलग्न किए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह समस्या वह खुद व्यक्तिगत रूप से महसूस कर चुके हैं क्योंकि वह अपने एक प्रकरण के सिलसिले में नियमित रूप से इस न्यायालय में आते जाते हैं।
उन्होंने बताया कि “यह स्पष्ट रूप से मानव अधिकारों का उल्लंघन है और इसे शीघ्र समाधान की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यहां आने वाले सभी आगंतुकों के लिए एक उचित, आरामदायक और सुरक्षित बैठने की व्यवस्था हो, ताकि उनके मानवीय सम्मान की रक्षा हो सके।”
आगे की कार्रवाई और न्याय के प्रति जिम्मेदारी
राजा भईया ने यह भी कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि “जल्द ही कोर्ट कक्षों के बाहर जनहित और मानवता हित में बैंच और कुर्सियां लगवाने के निर्देश दिए जाएं।” उनका मानना है कि यह कदम न केवल आगंतुकों की भलाई के लिए होगा, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना होगा कि जिला न्यायालय के अधिकारियों द्वारा इस शिकायत पर कब तक कार्रवाई की जाती है। एड. राजा भईया की इस जनहित और मानवता की भलाई के लिए की गई मांग का असर समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।