Etah News: जैथरा में “तेज गति” से उड़ता विवादित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स: विकास या कब्जे की कहानी?

Jaithra’s Controversial Shopping Complex: A Tale of Fast-Tracked Development or Land Grab?

Pradeep Yadav
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जैथरा में "तेज गति" से उड़ता विवादित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स: विकास या कब्जे की कहानी?

जैथरा नगर पंचायत इन दिनों अपने एक तेज गति वाले निर्माण कार्य को लेकर चर्चा में है। विवादित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण इस तेजी से हो रहा है कि स्थानीय लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं—क्या यह वही नगर पंचायत है जो आमतौर पर कछुए की चाल से विकास कार्य करती है?

मजलूमों की जमीन पर विकास का पहिया ?

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है, वह विवादित है और मजलूमों की शिकायतें इस विकास की चकाचौंध में दबा दी गई हैं। नगर पंचायत ने इस परियोजना को प्राथमिकता देकर जिस गति से काम शुरू किया है, उससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह विकास वास्तव में सबके भले के लिए है या फिर किसी की जमीन पर कब्जे का खेल चल रहा है।

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तेज गति का रहस्य

इस शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण नगर पंचायत की बाकी योजनाओं से बिल्कुल विपरीत है। जहां सड़कें बनाने में सालों लग जाते हैं और जल निकासी योजनाएँ फाइलों में सड़ जाती हैं, वहीं यह कॉम्प्लेक्स बुलेट ट्रेन की रफ्तार से बन रहा है। लोग अब यह कहने लगे हैं कि अगर नगर पंचायत ने इसी तेजी से अपने अन्य कार्य किए, तो जैथरा सचमुच स्मार्ट सिटी बन सकता है।

स्थानीय जनता की नाराज़गी

शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की गति और प्राथमिकता ने मजलूमों के लिए नई परेशानियां खड़ी कर दी हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, हमारी जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है। हमारी आवाज को कोई सुन नहीं रहा। नगर पंचायत को आम जनता के मुद्दों की परवाह नहीं है।

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अगर यह तेज़ी अन्य कार्यों में दिखे तो ?

अगर नगर पंचायत ने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तरह तेज गति से जल निकासी, सड़कों की मरम्मत और अन्य बुनियादी सुविधाओं पर काम किया होता, तो आज जैथरा का चेहरा ही बदल गया होता। परंतु ऐसा लगता है कि विकास की तेज़ी केवल उन प्रोजेक्ट्स के लिए है, जिनमें नगर पंचायत को अतिरिक्त लाभ हो सकता है।

नगर पंचायत की मंशा

जैथरा का विवादित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स न केवल नगर पंचायत की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विकास के नाम पर किस तरह से मजलूमों के अधिकारों को अनदेखा कर उनकी जमीनें हड़प की जा रही है। यदि नगर पंचायत अपनी तेज गति को अन्य जनहित कार्यों में भी दिखाए और पारदर्शिता सुनिश्चित करे, तो जैथरा की किस्मत सचमुच बदल सकती है।

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लेकिन फिलहाल, यह प्रोजेक्ट विवाद और नाराजगी का कारण बन रहा है। अब देखना यह होगा कि इस विकास की कहानी आगे जाकर क्या मोड़ लेती है।

 

 

 

 

 

 

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