एटा। नगर पंचायत जैथरा में विकास कार्यों के नाम पर गोलमाल की सुगबुगाहट तेज हो रही है। करोड़ों की जमीन पर लाखों के निर्माण कार्य में उपयोग की गई घटिया सामग्री ने न सिर्फ जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, बल्कि पंचायत प्रशासन की कार्यशैली से ऐसा नजर आता है कि अंधेर नगरी और चौपट राजा…. ।
नगर पंचायत के बिजली घर के निकट विवादित शॉपिंग कंपलेक्स के निर्माण में दोयम दर्जे की ईंट और बालू का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। 99 साल के लिए बनाई जाने वाली इमारत रेत से बन कर तैयार हो रही है। नगर पंचायत की उन्नत तकनीक की मिसाल कायम हो सकती यदि यह निर्माण अपने 20 साल भी पूरे कर पाए। निर्माण में घोर अनियमिताएं बरतने के साथ गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है, जिससे इस परियोजना की दीर्घकालिकता पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य शुरू होते ही दीवारों में दरारें दिखने लगीं हैं।
जहां एक ओर जनता साफ पानी, साफ-सफाई, सड़क और जल निकासी जैसी मूलभूत सुविधाओं की उम्मीद कर रही है, वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रशासन विवादित और गैरजरूरी प्रोजेक्ट्स पर लाखों रुपये बहा रहा है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि अधिशासी अधिकारी की आड़ में कुछ लोग केवल अपने स्वार्थों की पूर्ति में लगे हुए हैं। पारदर्शिता के अभाव में ठेकेदारों को खुली छूट दी जा रही है, जिससे सरकारी धन की जमकर बर्बादी हो रही है।
नगर पंचायत जैथरा में जारी इन घोटालों की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वह विकास कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान दें और जनता के धन का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए।