आवास विकास परिषद के नोटिस के बाद भी अवैध निर्माण हुआ पूरा, परिषद के अधिकारी खेलते हैं नोटिस-नोटिस का खेल

Jagannath Prasad
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एक  जेई के संरक्षण में चल रहा अवैध निर्माण का जोरों से कार्य

आगरा। भले ही आगरा विकास प्राधिकरण सरकार की मंशा के अनुसार लगातार अवैध निर्माण कार्य को सील कर रहा हो, वहीं दूसरी ओर आवास एवं विकास परिषद के अधिकारी लगातार आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल बिल्डिंगों का अवैध निर्माण बिना नक्शे के अपने संरक्षण में करवा रहे हैं। परिषद के अधिकारी सिर्फ खाना पूर्ति करने के लिए नोटिस नोटिस का खेल खेल कर अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। बताया जाता है कि एक जेई के संरक्षण में बिना नक्शे के अवैध निर्माण धड़ल्ले से किए जा रहे हैं। अधिकारी कोई शिकायत आने पर नोटिस देकर खाना पूर्ति करते हैं, उसके बाद अवैध निर्माण करने वाले से मोटी रकम लेकर उसको निर्माण कार्य जारी रखने की छूट दे रहे हैं। ऐसा ही मामला ट्रांस यमुना कॉलोनी के फेस टू में देखने को मिला। यह तो मात्र उदाहरण है, न जाने कितने अवैध निर्माण जेई के संरक्षण में हुए हैं। यह शीघ्र ही खबर के माध्यम से खुलासा किया जाएगा।

आवास विकास परिषद के नियम अनुसार आवासीय क्षेत्र में कमर्शियल निर्माण नहीं हो सकता, लेकिन परिषद के अधिकारियों की भ्रष्टाचार नीति के चलते लगातार अवैध निर्माण हो रहे हैं। ट्रांस यमुना कॉलोनी के फेस टू में भूखंड संख्या 76 आवासीय भूखंड है, लेकिन यहां कई महीने से निर्माण कार्य बिना नक्शे के चल रहा है। इसके बारे में जब परिषद के जेई से शिकायत की गई तो उन्होंने खाना पूर्ति करते हुए एक नोटिस जारी किया, जिसमें भाषा तो इतनी सख्त लिखी है, लेकिन इस नोटिस के बाद भी निर्माण कार्य धीरे-धीरे पूरा होने की ओर चल रहा है। ऐसा नहीं कि यह एक निर्माण ट्रांस यमुना कॉलोनी के फेस टू में चल रहा हो, ऐसे न जाने कितने अवैध निर्माण बिना नक्शे के आवासीय क्षेत्र में किए जा रहे हैं। इस अवैध निर्माण की बात की जाए तो यह निर्माण पहले से ही परिषद के सुपरवाइजर की नजर में था, लेकिन वह गुपचुप तरीके से सेटिंग के खेल में मसगूल थे। यह अवैध निर्माण तो एक उदाहरण है, ऐसे न जाने कितने अवैध निर्माण बिना नक्शा के परिषद के अधिकारियों ने बनवा दिए हैं। ऐसा नहीं कि यह अवैध निर्माण परिषद के अधिकारियों के आशीर्वाद के बिना बन गए हो। बताया जाता है कि परिषद के अधिकारी बाकायदा पहले अवैध निर्माण पर अपने सुपरवाइजर एवं चौकीदार को भेजते हैं। वह वहां से फोटो खींचकर लाता है और अवैध निर्माणकर्ता को ऑफिस आने का निमंत्रण देता है। उसके बाद जब वह ऑफिस आता है तो एक सबसे भ्रष्ट जेई के कमरे में पहले जमीन की कीमत आंकी जाती है, उसके बाद कितने रुपए का निर्माण कार्य किया जा रहा है उसको देखा जाता है। फिर चौकीदार से लेकर सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर तक सौदा होता है। सूत्र की मानें तो आवास एवं विकास परिषद में कई जेई तैनात हैं, लेकिन एक ही जेई को सिकंदरा योजना में 1-2 सेक्टर छोड़कर सभी सेक्टर की जिम्मेदारी दे रखी है। वही ट्रांस यमुना कॉलोनी की बात करें तो फेस टू की पूरी जिम्मेदारी अभी हाल ही में उनकी भ्रष्ट नीति को देखते हुए उनको दी गई है।

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Screenshot 2024 06 07 13 19 14 42 7352322957d4404136654ef4adb64504 आवास विकास परिषद के नोटिस के बाद भी अवैध निर्माण हुआ पूरा, परिषद के अधिकारी खेलते हैं नोटिस-नोटिस का खेल

यही हाल सिकंदरा योजना का है। यहां अभी हाल ही में आवासीय क्षेत्र में कई अवैध निर्माण बिना नक्शे के पूरे हुए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार नीति का जमकर बोलबाला रहा है। यही नहीं, बताया जाता है कि यह भ्रष्ट जेई कई साल से यहां तैनात रह कर अवैध निर्माण के कार्य को रिश्वत लेकर बढ़ावा दे रहा है। वहीं, उच्च अधिकारी भी कमाऊ जेई होने के कारण उसको पूरा संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार हटाओ नीति कितनी सफल होगी, यह कह पाना तो बहुत मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर है कि आवास विकास परिषद में तैनात अधिकारी फिलहाल आवंटी को अवैध निर्माण की छूट देकर सरकारी राजस्व का नुकसान करते हुए अपनी जेबें भरने में लगे हैं, जिनकी जांच होना जरूरी है।

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आवास आयुक्त को लेना होगा संज्ञान

आवासीय क्षेत्र में अवैध कमर्शियल निर्माण रकम लेकर आवास एवं विकास परिषद आगरा के अधिशासी अभियंता एवं जेई राजीव वर्मा द्वारा लगातार करवाए जा रहे हैं। बताया जाता है कि राजीव वर्मा कुछ समय के लिए यहां से स्थानांतरित हुए थे, लेकिन फिर जुगाड़ लगाकर वापस आगरा आ गए। उनका नाम पीड़ित आवंटी से पूछा जाए तो वह निश्चित ही उनको भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे अधिकारी बताएगा। ऐसे में आवास आयुक्त को सख्त कार्रवाई करनी होगी।

कितने अवैध निर्माणों को दिए हैं नोटिस?

परिषद के द्वारा वर्षवार कितने अवैध निर्माण को नोटिस दिए गए यह कोई बताने को तैयार नहीं है। जेई से पूछो तो वह अधिशासी अभियंता के पास भेज देते हैं और जब अधिशासी अभियंता से पूछो तो अधीक्षण अभियंता बिल्कुल ही अपने आप को इस कार्य में अनजान बताते हुए जेई के ऊपर ही जिम्मेदारी टाल देते हैं। इसका मतलब साफ है कि नोटिस नोटिस के खेल में लाखों रुपए अधिकारी अवैध निर्माण को कराकर अपनी जेबें भर रहे हैं।

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जल्द करेंगे बड़ा खुलासा

दैनिक अग्र भारत नई सोच नई जोश के साथ कार्य करते हुए आवास विकास परिषद के अधिकारियों के द्वारा करवाए जा रहे अवैध निर्माण का बड़ा खुलासा करेगा। बताया जाता है कि कई नेताओं द्वारा इनकी संपत्ति की जांच करने की मांग की गई है। वह शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर परिषद के अधिकारियों का उनके भ्रष्टाचार का ज्ञापन सौंपेंगे।

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