आगरा: संजय प्लेस स्थित सीडीओ कार्यालय पर धरना दे रहे किसान नेताओं ने प्रशासन की ओर से कोई सुनवाई न होने पर विरोध स्वरूप आज अपने सिर मुंडवा लिए। इसके साथ ही किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने अन्न के बाद जल का भी त्याग कर दिया है। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
किसान नेताओं का धरना आज नौवे दिन में प्रवेश कर चुका है। श्याम सिंह चाहर, छीतरिया और दाताराम तोमर को भूख हड़ताल करते हुए सात दिन हो चुके हैं, जबकि श्याम सिंह चाहर को जल का त्याग किए हुए आज दूसरा दिन था।
धरनास्थल पर श्याम सिंह चाहर, चौधरी दिलीप सिंह और बुजुर्ग छीतरिया ने सिर मुंडवाकर शासन और प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध जताया। चौधरी दिलीप सिंह ने कहा कि सहकारिता विभाग में 4.12 करोड़ रुपये के 21 सहकारी समितियों के निर्माण कार्य में गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, ग्रामीण सुरक्षा आवासीय समिति के कथित सचिव केपी यादव पर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग भी की। उनका कहना था कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा किए गए अनियमितताओं और घोटाले की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रशासन दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
धरनास्थल पर पहुंचे नरेन्द्र सिंह चाहर और महताप सिंह चाहर ने आरोप लगाया कि सहकारिता विभाग के घोटाले में उच्च अधिकारियों का भी हाथ है। दोषी एआर रविन्द्र कुमार को लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है, जबकि उन्हें तो निलंबित करके जेल भेजा जाना चाहिए था।
धरनास्थल पर अन्य किसान नेता और लोग भी मौजूद थे, जिनमें सोनू, रामू चौधरी, गजेन्द्र शर्मा, सुभाष चौधरी, राहुल छोंकर, विजेंद सिंह एडवोकेट, किशन कुमार दीपू चाहर, यशपाल सिंह, नरेंद्र फौजदार, नारायण सिंह, बासुदेव कुशवाह, मनोज कुमार, प्रदीप शर्मा, बाबूलाल, बबलू सिंह, सोनवीर और धर्मपाल सिंह प्रमुख थे।
किसान नेताओं का यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाता।