आगरा। थाना डौकी पुलिस ने रविवार शाम एक दो वर्षीय बच्ची को उसके परिवार से पुनः मिलवाया, जो आगरा फतेहाबाद मार्ग स्थित धमौटा मंदिर के पास अकेले भटक रही थी। डौकी पुलिस की तत्परता और सूझबूझ के कारण बच्ची को सकुशल उसके परिजनों के हवाले किया गया।
रविवार को धमौटा मंदिर के पास एक छोटी बच्ची अकेली इधर-उधर भटकती हुई मिली। इस पर आसपास मौजूद एक महिला ने तत्काल थाना डौकी पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही गश्त पर निकली थाना डौकी की एसीपी अमीशा ने बच्ची को अपनी गाड़ी में बैठाया और उसकी पहचान के लिए सोशल मीडिया पर बच्ची की तस्वीर साझा की। इसके बाद पुलिस ने बच्ची के परिवार को ढूंढने के प्रयास शुरू किए।
सोमवार को थाना डौकी की पुलिस को सफलता मिली जब फिरोजाबाद से बच्ची के परिजन, शैलई थाना रामगढ़ के निवासी रविकांत, जो एक परचून की दुकान चलाते हैं, अपनी बच्ची को ढूंढते हुए थाना डौकी पहुंचे। पुलिस ने तत्परता से बच्ची को उसके परिजनों को सौंप दिया। बच्ची के परिजनों ने पुलिस के कार्य की सराहना की और उनकी मदद के लिए धन्यवाद दिया।
एसीपी अमीशा का बयान
थाना डौकी की प्रभारी एसीपी अमीशा ने बताया कि फिरोजाबाद जिले के सरजीवनगर निवासी रविकांत की दो वर्षीय बच्ची बिट्टो उर्फ नैना किसी कारणवश घर से बाहर निकल आई थी। बच्ची भटकते हुए थाना डौकी क्षेत्र के धमौटा मंदिर के पास पहुंच गई थी। गश्त के दौरान एसीपी अमीशा ने बच्ची को देखा और उसकी स्थिति को समझते हुए उसे अपनी गाड़ी में बैठाया। बच्ची से पूछने पर वह अपने परिजनों के बारे में कुछ नहीं बता पाई, जिसके बाद पुलिस ने उसे पहचानने के लिए उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की और सफलतापूर्वक परिजनों को ढूंढ निकाला।
पुलिस कार्य की सराहना
इस घटना के बाद बच्ची के परिजनों ने पुलिस की तत्परता और सहायता की सराहना की। इस दौरान थाना डौकी की टीम में उपनिरीक्षक मोहित गौतम, महिला उपनिरीक्षक अजिली, और एचएम गोविंद यादव भी शामिल थे।