गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक 10वीं कक्षा के छात्र ने अपने सहपाठी की आंख में पेन घोंप दिया, जिससे छात्र की आंख की रोशनी चली गई। यह घटना लोनी के संगम विहार कॉलोनी स्थित एक प्राइवेट स्कूल में हुई, जहां एक सहपाठी छात्र ने गुस्से में आकर पेन से दूसरे छात्र की आंख पर हमला कर दिया। इस हमले के बाद पीड़ित छात्र को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी आंख की स्थिति गंभीर बताई।
पीड़ित छात्र का नाम वंश है, जो 10वीं कक्षा का छात्र है। बताया जा रहा है कि वंश का स्कूल में एक सहपाठी के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। गुस्से में आकर, आरोपी छात्र ने वंश की आंख में पेन घोंप दिया, जिसके बाद उसकी आंख की रोशनी चली गई। यह घटना उस समय हुई जब दोनों छात्र स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। वंश के परिजनों का कहना है कि आरोपी छात्र ने बिना किसी कारण के इस वारदात को अंजाम दिया।
आंख की रोशनी चली गई
वंश के चाचा ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई है और आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। घटना के तुरंत बाद वंश को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वंश की आंख की रोशनी पूरी तरह से चली गई है और उसकी हालत बेहद नाजुक है। परिवार में इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी है और वे आरोपी छात्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
स्कूल प्रशासन का रवैया
घटना के बाद, स्कूल प्रशासन ने वंश के परिवार को सूचना दी और अस्पताल में उसका इलाज करवाया। हालांकि, पीड़ित छात्र के परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने इस मामले में पर्याप्त कदम नहीं उठाए। परिवार ने कहा कि आरोपी छात्र के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हमलों से बचा जा सके।
लोनी पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आरोपी छात्र के खिलाफ FIR दर्ज कर दी है। एसीपी अंकुर विहार, भास्कर वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने वंश के परिजनों से घटना के संबंध में जानकारी जुटाई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
इस मामले के बाद स्कूल प्रशासन, पुलिस और छात्र के परिजनों के बीच तनाव बढ़ गया है। वंश के चाचा ने यह भी कहा कि उन्हें न्याय की उम्मीद है और आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी सजा मिलनी चाहिए। साथ ही, इस घटना ने स्कूलों में छात्रों के बीच हिंसा और असहमति के मामलों पर विचार करने की जरूरत को भी उजागर किया है। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी घटनाएं न केवल छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और अनुशासन के बारे में भी सवाल उठाती हैं।