झांसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में 29वां दीक्षांत समारोह माननीय कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नेतृत्व में गांधी सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत जीवन और पर्यावरण के पांच तत्वों—आकाश, वायु, जल, पृथ्वी और अग्नि पर काव्य पाठ से हुई। कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत एकल पुष्प और पौधों देकर किया। कार्यक्रम के अंत में पौधों को श्रीराम वाटिका में अर्पित किया जाएगा।
राज्यपाल ने विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के सर्वश्रेष्ठ छात्रों को मेडल प्रदान किए। इसके अलावा, उन्होंने झांसी और ललितपुर के जिलाधिकारियों को आंगनवाड़ी हेल्थ किट भेंट की, जिसमें स्वास्थ्य सुधार और चोटों के उपचार के लिए आवश्यक सामग्री शामिल है।
इस अवसर पर कुलाधिपति ने दीक्षांत स्मारिका ‘स्वर्णदीप्ति’, कला एवं संस्कृति पर आधारित पत्रिका ‘चितेरी’ और विश्वविद्यालय की गृह पत्रिका ‘संचारिका’ का विमोचन किया। उन्होंने झांसी और ललितपुर के विद्यालयों को 200 पुस्तकें भी भेंट कीं।
राज्यपाल ने जल सहेलियों, ड्रोन पायलट ग्रामीण महिलाओं और अन्य समूहों के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत के साथ-साथ महिलाओं की भी सदी है, और ग्रामीण महिलाओं के प्रयासों ने उन्हें मिसाल बना दिया है।
राज्यपाल ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे अपने ज्ञान को देश के विकास में उपयोग करें और डिफेंस कॉरिडोर से जुड़े कार्यों में भाग लें। उन्होंने विश्वविद्यालयों से कहा कि वे एनआईआरएफ रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार रहें।
समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को ज्ञान और कौशल को समाज के उत्थान में लगाने की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथि डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने छात्रों को नवाचार और शोध की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
कुलपति प्रोफेसर मुकेश पाण्डेय ने भी नारी शक्ति की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए 2170 उपाधियों और 110 शोध उपाधियों का वितरण किया।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की डॉ. अचला पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर कई अधिकारी, शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।
भारत की बढ़ती शक्ति: इस दीक्षांत समारोह ने यह साबित कर दिया कि भारत आज एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, जिसमें शिक्षा, नवाचार और सामर्थ्य का महत्वपूर्ण योगदान है।