आगरा: आगरा के प्राचीन कैलाश मंदिर घाट पर आज एक अद्भुत और भव्य आयोजन हुआ, जिसमें मां यमुना की आरती ने अलौकिक छटा बिखेरी। कई वर्षों से यहां यमुना घाट पर हर सोमवार को विशेष आरती का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों की बड़ी संख्या में उपस्थिति होती है। इस अवसर पर मंदिर महंत गौरव गिरी गोस्वामी, सागर गोस्वामी और निखिल गोस्वामी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मां यमुना की भव्य आरती की गई, जिसने श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया।
मां यमुना की आरती में जुटे श्रद्धालु
यमुना घाट पर आरती का आयोजन अत्यधिक श्रद्धा और भक्ति के साथ हुआ। इस दौरान भक्तों ने मां यमुना की जय जयकार करते हुए समर्पण और भक्ति भाव से आरती की। यमुना की पवित्र धारा के बीच यह आरती अत्यधिक भव्य और आकर्षक नजर आई, जिसमें हर कोई श्रद्धा और आस्था में लीन था। इस दौरान मां यमुना के प्रति भक्तों की भक्ति देखते ही बन रही थी। आरती के दौरान वातावरण में अलौकिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा था।
सम्मान और उत्सव
इस धार्मिक अवसर पर श्री बांके बिहारी एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष और यमुना साधक डॉ. मदन मोहन शर्मा ने समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने यमुना आरती में भाग लेने वाले प्रमुख अतिथियों को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में श्री बांके बिहारी मंदिर के सेवायत मृदुल सारस्वत, अंतरराष्ट्रीय योग प्रशिक्षक करन जीत कौर, समाजसेवी दीप उपाध्याय, भूपेंद्र सारस्वत, मनोज शर्मा आदि शामिल थे। सभी सम्मानित व्यक्तियों को मां यमुना साधक सम्मान से नवाजा गया और उन्हें फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया।
पर्यावरण संरक्षण और शुद्धिकरण का संकल्प
मां यमुना की पूजा के साथ-साथ इस मौके पर एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत भी हुई। मंदिर के महंत गौरव गिरी गोस्वामी और डॉ. मदन मोहन शर्मा ने यमुना घाट पर उपस्थित सभी यमुना साधकों से मां यमुना के शुद्धिकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने का संकल्प लिया। इस प्रयास से यमुना नदी को प्रदूषण से मुक्त करने और इसके प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए सभी ने मिलकर अपना योगदान देने का वचन लिया।
विशेष अतिथि और श्रद्धालुओं की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सागर गिरी, नकुल सारस्वत, विधायक शर्मा, विशेष गोस्वामी, सौरभ गोस्वामी समेत कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन यमुना साधकों की एकजुटता और सेवा भाव का प्रतीक बन चुका है, जो न केवल धार्मिक कार्यों में बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
संपूर्ण आयोजन का महत्व
प्राचीन कैलाश मंदिर घाट पर हुई इस भव्य आरती ने न केवल धार्मिक आस्थाओं को मजबूत किया, बल्कि मां यमुना के प्रति श्रद्धा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी उठाया गया। इस प्रकार के आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारे पर्यावरण के लिए भी आवश्यक है।