आगरा:लॉकडाउन के दौरान शुरू हुई गुटखे पर ब्लैक की कहानी एक बार फिर दोहराई जा रही है। लगभग दो माह से अधिक समय तक चलने वाली चुनाव आचार संहिता की आड़ में गुटखा माफियाओं ने अपने हौसले बुलंद कर लिए हैं और जमकर स्टॉकिंग शुरू कर दी है।
शहर से लेकर देहात तक ब्लैक
शहर से लेकर देहात क्षेत्र तक गुटखे के पाउच पर ब्लैक का असर दिखने लगा है।पांच रुपए का पाउच छह रुपए और दस रुपए का पाउच 12 रुपए में बिक रहा है।छोटी दुकानों से लेकर रेहड़ी पटरी पर गुटखा बेचने वाले दुकानदार साफ बोल रहे हैं कि उनकी मजबूरी है कि वे महंगा खरीदकर महंगा बेचने पड़ रहे हैं।
देहात क्षेत्र में भी यही हाल
देहात क्षेत्र में किरावली, अछनेरा, फतेहपुर सीकरी आदि स्थानों पर गोल्डमोहर, अंबर, विमल, राजश्री, सफल आदि के डिस्ट्रीब्यूटर के यहां दुकानदारों से झड़प देखी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, कुछ पुराने घाघ गुटखा माफियाओं ने अपने ठिकानों पर गुटखे का भारी भरकम स्टॉक अवैध रूप से एकत्र करना शुरू कर दिया है। जब तक आचार संहिता प्रभावी रहेगी, अवैध रूप से मोटा कालाधन उनके कब्जे में होगा।
स्थानीय प्रशासन अनजान
स्थानीय प्रशासन से लेकर संबंधित विभागों की नजर अभी तक इन पर नहीं पड़ी है।
डिस्ट्रीब्यूटरों की मनमानी
डिस्ट्रीब्यूटरों की कहानी भी कम नहीं है।वे कंपनी से मिलने वाले निर्धारित स्टॉक को दुकानदारों को देने में आनाकानी कर रहे हैं। दुकानदारों को माल नहीं मिलने का हवाला दिया जा रहा है।वहीं, उन्हीं डिस्ट्रीब्यूटरों के यहां ब्लैक में गुटखा लेने पर धड़ल्ले से उनकी दरों के मुताबिक माल मिल जाता है।
यह एक गंभीर मुद्दा है
आचार संहिता का दुरुपयोग करते हुए गुटखा माफियाओं द्वारा अवैध रूप से गुटखे का स्टॉक जमा करना निश्चित रूप से एक गंभीर मुद्दा है। स्थानीय प्रशासन को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और गुटखा माफियाओं पर नकेल कसनी चाहिए।
यह भी ध्यान रखना जरूरी है
गुटखा स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। इसके सेवन से मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हमें गुटखे का सेवन नहीं करना चाहिए और दूसरों को भी इसके सेवन से रोकना चाहिए।