आगरा: अधिवक्ता सुनील शर्मा की हत्या मामले में एक नया मोड़ आ गया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले की विवेचना पर गंभीर संज्ञान लेते हुए सीबीसीआईडी आगरा खंड को विवेचना की मॉनिटरिंग करने का आदेश दिया है।
मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी के विवेचक अनिल कुमार पर आरोप है कि उन्होंने सुनीता शर्मा से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य नहीं लिए और विवेचना की गुप्त जानकारी तत्कालीन थानाध्यक्ष राजीव कुमार और अभियुक्त मनोज दीक्षित उर्फ मनोज शर्मा के साथ साझा की।
सुनीता शर्मा ने न्यायालय को बताया कि उनके पति की हत्या थाना न्यू आगरा पुलिस ने दबिश देकर की थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनोज दीक्षित उर्फ मनोज शर्मा आज भी खुलेआम घूम रहा है।
क्या है पूरा मामला?
सुनील शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा का आरोप है कि उनके पति की हत्या पुलिस ने की थी। उन्होंने न्यायालय को बताया कि पुलिस ने उनके पति को बालकनी से नीचे फेंक दिया था। इस घटना के बाद पुलिस ने खुद को बचाने के लिए हत्या के मुकदमे की विवेचना सीबीसीआईडी से कराने की संस्तुति की थी।
उच्च न्यायालय का आदेश
उच्च न्यायालय ने सीबीसीआईडी की विवेचना पर गंभीर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आगरा को विवेचना की मॉनिटरिंग करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सीबीसीआईडी को केस डायरी प्रस्तुत करने के लिए कहा है।