आगरा। आगरा के शमसाबाद रोड पर स्थित 20 हजार की आबादी वाले गांव श्यामों में जलभराव के कारण लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। गांव के बीचों-बीच जल निकासी की सुविधा न होने और पिछले 25 वर्षों से खड़ंजे का निर्माण न होने से गांव की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है। इन खड़ंजों के निर्माण के लिए कई बार प्रस्ताव पारित हो चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
अनुसूचित जाति के लोगों की बस्तियों में पूर्व सरकारें आरक्षण के अनुसार काम कराती थीं, लेकिन अब श्यामों में आरक्षण का कोई मतलब नहीं रह गया है। गांव के पास स्थित रास्ते भी बदहाल हैं और पिछले वर्ष एक अवैध तालाब में दो बच्चे गिर गए थे, जिन्हें समय पर बाहर निकाल लिया गया था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया था।
जलभराव से गंभीर समस्याएं, चकरोडों की हालत खस्ता
पथवारी मंदिर के प्रांगण में भारी जलभराव हो गया है और मंदिर के अंदर भी जलभराव हो रहा है, जबकि यहाँ पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। श्यामों स्वास्थ्य केंद्र के पीछे की बस्ती और अन्य ऊंची-ऊंची नालियों वाले स्थानों पर भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
गांव के 40% लोग अपने खेतों पर रह रहे हैं, जहाँ 20 से 40 परिवार एक ही स्थान पर रहते हैं और उनके जाने के लिए एकमात्र रास्ते चकरोड ही हैं। वर्तमान में गांव के चारों ओर दर्जनों चकरोड की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। कई बार मनरेगा से मिट्टी डालने की मांग की गई, लेकिन कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
पप्पू सेठ के मकान से लेकर भगत जी और मुखिया जी की ठार तक, डार की पोखर से निनुआं होली की ठार, श्यामों से एनटीपीसी तक के चकरोडों की स्थिति सुधारने के लिए अब तक कोई जन प्रतिनिधि ध्यान नहीं दिया है। स्कूली बच्चों और राहगीरों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रीय दिव्यांग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सिंह लोधी ने जिलाधिकारी आगरा से गांव का दौरा कर जल निकासी व्यवस्था सुधारने और दवा छिड़काव कराने की मांग की है, ताकि डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सके।