न्यायालय के स्टे के बाद भी हो रहा अवैध निर्माण, परिषद के अधिकारी आंख बंद करके अवैध निर्माण की कर रहे अनदेखी

Jagannath Prasad
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जिलाधिकारी के आदेश को भी परिषद के अधिकारी दिखा रहे ठेंगा

आगरा: एक ओर जहां अधिकारी पिछले कई सालों से अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर नोटिस का खेल खेलकर मोटी कमाई कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर, जैसे ही आवास आयुक्त ने अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता और एक चपरासी को अवैध वसूली में निलंबित किया, तो परिषद के अधिकारियों को अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों की याद आने लगी। इसी को लेकर आजकल परिषद के अधिकारी अवैध निर्माण और आवासीय संपत्ति पर व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।हालांकि, अगर अवैध निर्माण की बात करें तो यह निर्माण वर्षों पहले उन्हीं अधिकारियों के कार्यकाल में पूरे हुए हैं, जो आज उन्हें तोड़ने की बात कर रहे हैं। इसके बावजूद, अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर अवैध निर्माण जारी है। उदाहरण के तौर पर, सूर वाटिका के सामने जमीन पर गिट्टी का लाखों रुपये का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। बताया जाता है कि इस जमीन पर न्यायालय द्वारा स्टे दिया गया है, लेकिन जमीन पर दावा करने वाला व्यक्ति अधिकारियों की सेटिंग के चलते किराए पर जमीन देकर हर माह लाखों रुपये कमा रहा है। इस जमीन पर कई निर्माण कार्य भी हो चुके हैं और वर्तमान में सड़क किनारे एक कमरा तैयार किया जा रहा है, जिसकी अधिकारियों को जानकारी नहीं है।सूर वाटिका के सामने जिस जमीन पर गिट्टी का कारोबार हो रहा है, उस जमीन को लेकर पिछले दिनों प्रदूषण के चलते जिलाधिकारी ने दिसंबर में इस कारोबार को समाप्त करने के लिए परिषद के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसीएम तृतीय के नेतृत्व में परिषद के अधिकारी इस कारोबार की जांच करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने जमकर गिट्टी का अवैध कारोबार करने वाले व्यापारियों को हड़काया। लेकिन जमीन के कब्जाधारक नीरज लोधी ने सभी अधिकारियों को हड़काते हुए कारोबार जारी रखा है। यहां रात को बड़ी-बड़ी मशीनों के द्वारा धूल उड़ाई जाती है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं और बीमारियों का सामना कर रहे हैं।इसके अलावा, अधिकारी ईट मंडी पर चल रहे पत्थर के कारोबारियों के पास भी गए थे और उन्हें हड़काया था, लेकिन पत्थर का कारोबार भी यथावत चल रहा है। ऐसा लगता है कि सब कुछ अधिकारियों की शह पर चल रहा है और अब उन्हें जिलाधिकारी के आदेशों का भी डर नहीं है।स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी, बल्कि गिट्टी कारोबारी और जमीन के कब्जाधारक की सुनवाई की।अब देखना होगा कि न्यायालय की स्थिति के बाद भी इस जमीन पर अवैध गिट्टी का कारोबार और अवैध निर्माण जारी रहेगा या फिर अधिकारी कोई सख्त कदम उठाएंगे। फिलहाल, एक कमरे का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है, जिसकी स्थानीय निवासियों में चर्चा है। इस अवैध निर्माण और गिट्टी के अवैध कारोबार से ऐसा लगता है कि परिषद के अधिकारियों को आवास आयुक्त के अलावा मंडल आयुक्त और जिलाधिकारी के आदेशों का भी डर नहीं है। जब इस संबंध में अधीक्षण अभियंता अतुल कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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इन अधिकारियों का कहना है:

“मैं इस कार्य के बारे में जानकारी देने के लिए अधिकृत नहीं हूं। उच्च अधिकारियों से जानकारी कर ली जाए।”
– राजीव वर्मा, जूनियर इंजीनियर, आवास विकास परिषद, आगरा

“अवैध निर्माण जमीन पर नहीं हो रहा है। यदि हो रहा है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
– नवजोत सिंह वर्मा, अधिशासी अभियंता, आवास विकास परिषद, आगरा

पॉल्यूशन विभाग ने लगवाई थी हरी चादर

आगरा: इस कारोबार से हो रहे जहरीले प्रदूषण को लेकर पिछले दिनों पॉल्यूशन बोर्ड और नगर निगम के अधिकारियों ने यहां हरी चादर लगवाई थी, लेकिन कुछ दिन बाद वह चादर गायब हो गई और फिर से गिट्टी तोड़ने और मिट्टी बेचने का काम जोर-शोर से चल रहा है। पॉल्यूशन विभाग के अलावा नगर निगम के अधिकारी भी यहां निरीक्षण करने के बाद न जाने किन कारणों से वापस इस कार्य को यथावत करने का आदेश दे गए।

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