पति के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए रिपोर्ट लगवाने को भटक रही थी विधवा
तहसीलदार ने कार्यवाही हेतु पीडिता से लिया शपथ-पत्र
प्रदीप यादव जैथरा
एटा: मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन पर रिपोर्ट न लगाने वाले अलीगंज तहसील क्षेत्र के लेखपाल के विरूद्व अब विभागीय कार्यवाही की तैयारी चल रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसील प्रशासन ने पीडिता को बुलवाकर शिकायती पत्र के तौर पर शपथ-पत्र लिया है। तहसीलदार ने पीडिता को सभी समस्याओं के समाधान तथा लेखपाल के विरूद्व कार्यवाही का आश्वासन दिया है। अग्र भारत ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
विदित हो कि अलीगंज तहसील के ग्राम गढिया लुहारी निवासी सुदीप कुमार की आकस्मिक दुर्घटना के कारण सैफई मेडिकल कॉलेज में मृत्यु हो गई थी। सुदीप के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तहसील प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी गई थी। पत्र के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी के निर्देश पर क्षेत्रीय लेखपाल कौशलेन्द्र यादव को जांच सौंपी गई थी।
लेखपाल कौशलेन्द्र यादव द्वारा काफी समय तक रिपोर्ट नहीं लगाई। इसके बाद पीडिता निवर्तमान उपजिलाधिकारी प्रतीत त्रिपाठी से मिली। इसके बाद एसडीएम की फटकार के बाद लेखपाल ने आधी-अधूरी रिपोर्ट लगाकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली।
एसडीएम से शिकायत के बाद गुस्साए लेखपाल ने पीड़िता को खरी खोटी सुनाई थी। आरोप है कि सुविधा शुल्क न मिलने के कारण लेखपाल रिपोर्ट नहीं लगा रहा था।
थक हारकर पीडिता रोशनी गुप्ता ने न्याय के लिए 29 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह को प्रार्थना पत्र भेजकर कार्यवाही की गुहार लगाई। इस मामले को अग्र भारत ने प्रमुखता से उठाया था।
खबर पर संज्ञान लेते हुए तहसीलदार संदीप सिंह ने शनिवार को पीडिता रोशनी गुप्ता को बुलाया और शिकायती पत्र शपथ पत्र में देने को कहा। पीडिता द्वारा शपथ पत्र तहसीलदार को सौंपा गया है। तहसीलदार संदीप सिंह ने बताया कि शिकायती पत्र के आधार पर जांच की जा रही है, जांचोपरान्त लेखपाल के विरूद्व कार्यवाही की जाएगी।
मामला बढता देख शाम को लगाई रिपोर्ट
एटा: जिस मृत्यु प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने में लेखपाल ने दो माह से अधिक समय लगा दिया, अब कार्यवाही के डरकर लेखपाल कौशलेन्द्र यादव ने शुक्रवार की शाम को ही रिपोर्ट लगाकर रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में जमा कर दी। तहसील अलीगंज में लेखपाल द्वारा समय पर काम न करने तथा सुविधा शुल्क के कारण पीडितों को परेशान करने का खेल कब तक चलेगा।