आयोडीन नमक: गर्भवती और बच्चों के लिए वरदान

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 विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस पर सीएचसी फतेहपुर सीकरी में हुई साप्ताहिक समीक्षा

आगरा जिले में विश्व आयोडीन अल्पता विकार दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहपुर सीकरी में ब्लॉक साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। 21 अक्टूबर को मनाए गए इस दिवस पर आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया।

इस मौके पर एएनएम वैशाली तिवारी और आशा कार्यकर्ता क्षमारानी ने संडीगुड़ उपकेंद्र के कार्य क्षेत्र में घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री माताओं को आयोडीन युक्त नमक और खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोडीन की कमी से गर्भस्थ शिशु के विकास में समस्याएं हो सकती हैं, जैसे मानसिक और शारीरिक विकास में देरी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा, “आयोडीन नमक गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए वरदान है।” उन्होंने बताया कि आयोडीन की कमी से गर्भपात, जन्म के समय कम वजन, और नवजात शिशुओं की मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है।

एसीएमओ डॉ. संजीव वर्मन ने आयोडीन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी कमी से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे मानसिक मंदता और शारीरिक विकास में देरी। आयोडीन युक्त नमक का सेवन करके इन समस्याओं को रोका जा सकता है।

इस अवसर पर अधीक्षक पीयूष अग्रवाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ. महिमा चतुर्वेदी, एचईओ पंकज जायसवाल, बीपीएम सतेंद्रपाल सिंह, और डब्ल्यूएचओ के फील्ड मॉनिटर नरेश कुमार भी उपस्थित थे।

आयोडीन नमक का सेवन न करने से होने वाली हानियां:

गर्भवती महिलाओं में:

  • गर्भपात का खतरा
  • नवजात शिशुओं का कम वजन
  • शिशु का मृत पैदा होना
  • जन्म के बाद शिशु की मृत्यु

बच्चों में:

  • मानसिक मंदता
  • संज्ञानात्मक विकास की गड़बड़ी
  • मस्तिष्क की क्षति
  • शारीरिक विकास में देरी

 

 

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