नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री ईशा देओल ने दिल्ली स्थित रेडीसन ब्लू पांच सितारा होटल में डॉ. अवनीश राही और उनके पिता महाकवि अमर सिंह राही द्वारा संयुक्त रूप से रचित महाकाव्य “बुद्ध ज्ञान महासागर” के नवीनतम संस्करण का भव्य लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में अभिनेत्री ईशा देओल ने महाकाव्य के साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला और इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण काव्य रचना बताया।
महाकाव्य की महत्वता पर बोले ईशा देओल
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, ईशा देओल ने कहा, “जीवन में लाखों लड़ाइयाँ लड़ी जा सकती हैं, लेकिन सबसे बड़ी लड़ाई वह है जो हम स्वयं पर जीत हासिल करने में जीतते हैं। यदि हम अपने भीतर की चुनौतियों को पार कर लें, तो कोई भी बाहरी चुनौती हमें पराजित नहीं कर सकती। तथागत बुद्ध की यही विचारधारा है, जिसे डॉ. अवनीश राही और महाकवि अमर सिंह राही ने इस महाकाव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया है। यह महाकाव्य बुद्ध के जीवन और उनके दर्शन का गहरा और विशद रूप में चित्रण करता है, और इसे पढ़ने के बाद निश्चित रूप से पाठक अपने जीवन को नए दृष्टिकोण से देखेगा।”
महाकाव्य की रचना और सांस्कृतिक योगदान
कवि अमर सिंह राही ने इस अवसर पर कहा, “यह महाकाव्य तथागत बुद्ध के सम्पूर्ण जीवन और उनके अद्वितीय दर्शन पर आधारित है। यह सात कांडों में विभाजित है और प्रत्येक कांड में बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है।”
डॉ. अवनीश राही ने इस महाकाव्य की रचना पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारी लोक विधाएं हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही हैं, जो आज के समय में विलुप्त होने के कगार पर हैं। इस ग्रंथ में हम उन लोक विधाओं को फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित हो सकें।”
पिता-पुत्र की साहित्यिक जोड़ी की उपलब्धियाँ
यह पिता-पुत्र की जोड़ी केवल “बुद्ध ज्ञान महासागर” के लिए ही नहीं, बल्कि उनके संयुक्त लेखन में भीम चरित मानस और मान्यवर कांशीराम चरित मानस जैसी काव्य रचनाओं का भी समावेश है। इन महाकाव्य पुस्तकों का विमोचन राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम डॉ. प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के द्वारा किया जा चुका है। इन काव्य रचनाओं को साहित्य जगत में विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है, और इनकी भाषा, शैली और सांस्कृतिक प्रभाव ने इसे पाठकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है।
साहित्यिक धरोहर का संरक्षण
इस भव्य लोकार्पण समारोह में डॉ. राही और महाकवि राही की काव्यात्मक यात्रा को सम्मानित किया गया। इस आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय साहित्य और संस्कृति में हम किसी भी प्रकार की समृद्धि और विविधता का स्वागत कर सकते हैं, जो हमारे समाज और संस्कृति को और भी समृद्ध बनाए।
समारोही का आयोजन
समारोही का आयोजन सम्यक् प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा किया गया था, और इसमें साहित्य प्रेमियों, लेखक, कवि और अन्य सम्मानित व्यक्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम ने साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।