नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज, 19 फरवरी को भी उत्पाद शुल्क नीति मामले में चल रही जांच में शामिल नहीं होंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छठी बार समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था। आम आदमी पार्टी ने जांच में शामिल न होने की वजह बता दी है।
AAP ने बताई वजह
आप ने कहा कि ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट पहुंच गया है। समन को लेकर एजेंसी खुद कोर्ट गई हुई है। इडी कोर्ट के फैसला का इंतजार करे।
क्या है मामला?
ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में चल रही जांच में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को छठी बार समन जारी किया था और 19 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था। इससे पहले भी ईडी पांच समन भेज चुकी है, जिसे मुख्यमंत्री ने नजरअंदाज कर दिया था।
केजरीवाल ने पहले भी नजरअंदाज किया था समन
ईडी ने 2 फरवरी, 17 जनवरी, तीन जनवरी, 21 दिसंबर और दो नवंबर को केजरीवाल को समन भेजा था, लेकिन दिल्ली सीएम पेश नहीं हुए थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए जवाब में पूछा कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया।
कोर्ट से भी झटका
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। ईडी ने पेश न होने पर कोर्ट में अर्जी दी थी। जिस पर कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को समन भेजा है।जिसमें उन्हें 17 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में केंद्रीय एजेंसी के समन का पालन नहीं करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की है। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली सीएम को पांच समन भेजे लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हुए। जिसके बाद जांच एजेंसी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
क्या होगा आगे?
यह देखना बाकी है कि ईडी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है। क्या वह केजरीवाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करवाएगी या फिर उन्हें गिरफ्तार करेगी।