मथुरा: दशहरे पर रावण की पूजा, लंकेश भक्त मंडल का विरोध

Komal Solanki
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लंकेश भक्त मंडल के सदस्य के सदस्य रावण की महाआरती करते हुए। फोटो अग्र भारत

मथुरा: जहां देश के अधिकांश हिस्सों में दशहरे पर रावण का पुतला जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है, वहीं मथुरा में एक अलग ही माहौल देखने को मिलता है। यहां लंकेश भक्त मंडल के लोग रावण की पूजा करते हैं और उनके पुतले दहन का विरोध करते हैं।

यमुना किनारे स्थित शिव मंदिर में सारस्वत ब्राह्मण समाज के लोग हर साल दशहरे के दिन रावण की पूजा करते हैं। उनका मानना है कि रावण भगवान शिव के परम भक्त थे और एक प्रकांड विद्वान थे। रावण भक्त ओमवीर सारस्वत एडवोकेट ने बताया कि रावण की बहन कुंभनी मथुरा के राजा मधु की पत्नी थीं और रावण ब्राह्मणों के सारस्वत गोत्र से थे।

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रावण के पुतले दहन का विरोध

लंकेश भक्त मंडल के लोग रावण के पुतले दहन को गलत मानते हैं। उनका कहना है कि रावण के पुतले को जलाकर हम एक विद्वान का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमें कुछ जलाना है तो हमें अपने अंदर के बुराई को जलाना चाहिए।

रावण के बारे में भ्रांतियां

ओमवीर सारस्वत ने कहा कि रावण के बारे में लोगों के मन में कई भ्रांतियां हैं। रावण के पास बहुत ही अद्भुत शक्तियां थीं और वह एक महान विद्वान थे।

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