आगरा: गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की घटना को लेकर जनमंच ने वृहद आंदोलन का ऐलान किया है। जनमंच ने यह निर्णय लिया है कि एक प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर को गाजियाबाद जाएगा, जहाँ वे पीड़ित अधिवक्ताओं और गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सदस्यों से मिलकर साझा आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
आंदोलन की रणनीति
जनमंच ने एक आपातकालीन बैठक में इस घटना के खिलाफ रणनीति पर विचार किया। अधिवक्ताओं ने सरकार से मांग की कि गाजियाबाद के अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं और घटना की सीबीआई जांच की जाए, ताकि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके। बैठक में यह भी तय किया गया कि यदि किसी भी अधिवक्ता की गिरफ्तारी होती है, तो प्रदेश भर के अधिवक्ता सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।
बार काउंसिल का समर्थन
जनमंच ने बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से आग्रह किया है कि वे अधिवक्ताओं के हित में गाजियाबाद के समर्थन में बड़ा निर्णय लें। इसके लिए जनमंच ने बार काउंसिल को एक पत्र भेजा है, जिसमें अधिवक्ताओं की आवाज को बुलंद करने की मांग की गई है।
कार्यक्रम का संचालन
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जनमंच अध्यक्ष चौ. अजय सिंह ने की, जबकि संचालन पवन कुमार ने किया। बैठक में आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे, जिन्होंने घटना की निंदा की और आंदोलन में भाग लेने की इच्छा जताई।
इस घटना ने न केवल गाजियाबाद में बल्कि पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। जनमंच की यह पहल अधिवक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।