आगरा। ताज लिटरेचर क्लब ने 12 जनवरी को संजयप्लेस स्थित आगरा राइजिंग पार्क में विश्व हिंदी दिवस एवं स्वामी विवेकानंद जयंती “राष्ट्रीय युवा दिवस” के उपलक्ष्य में एक भव्य राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले साहित्य साधकों को साहित्य शिल्पी सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि राष्ट्र सेविका समिति की महानगर कार्यवाह श्रुति सिंघल और युवा चिकित्सक डॉ. सलोनी सिंह बघेल, संयोजक भावना वरदान शर्मा, सह संयोजक रोहित कत्याल, इंजीनियर राजकुमार शर्मा और महेश चंद्र शर्मा द्वारा सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस आयोजन ने साहित्य के प्रति प्रेम और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
साहित्य के शिखर पर काव्य संगम
इस शानदार कार्यक्रम में मंच पर काव्य रचनाओं की बौछार हुई। साहित्यिक हस्तियों ने अपनी कविताओं और रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनमें प्रमुख कवि और कवियित्रियाँ शामिल थीं:
- डॉ. कुसुम चतुर्वेदी
- डॉ. अनिल बोहरे आशु कवि (हाथरस)
- डॉ. बृज बिहारी लाल बिरजू
- पूर्व सांसद प्रो. ओमपाल सिंह ‘निडर’
- डॉ. मनीषा गिरी (दिल्ली)
- सुबोध सुलभ (टूंडला)
- गया प्रसाद मौर्य ‘रजत’
- अनुपमा दीक्षित
- सुखप्रीत सिंह सुखी (हाथरस)
- डॉ. राम प्रकाश चतुर्वेदी
- डॉ. सुषमा सिंह
- कवि डंडौतिया बाह
- डॉ. राजेन्द्र मिलन
- अशोक अश्रु
- मंच संचालक डॉ. अंगद सिंह धारिया
मुख्य अतिथियों का संबोधन
कार्यक्रम की संयोजक और ताज लिटरेचर क्लब की अध्यक्ष भावना वरदान शर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और आत्मविश्वास को विश्वभर में फैलाया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और हिंदी साहित्य को युवाओं तक पहुंचाना है।
सह संयोजक रोहित कत्याल ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिंदी साहित्य को बढ़ावा देना और युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित करना है।
काव्य रचनाओं ने भर दी ऊर्जा
इस कार्यक्रम में साहित्यकारों ने अपनी काव्य रचनाओं से न केवल साहित्य प्रेमियों का दिल जीता, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।
- डॉ. मनीषा गिरी (दिल्ली) ने अपनी कविता “सोना-चांदी न फूलों-चमन के लिए, ना ही सागर के मोती-रतन के लिए” से श्रोताओं में जोश भर दिया।
- डॉ. ब्रजविहारी लाल ‘बिरजू’ की कविता “अपनों की पीड़ा, गैरों की उलझन” ने श्रोताओं को गहरे विचारों में डुबो दिया।
- कवि सुबोध सुलभ (टूंडला) ने अपनी रचना “हमको पूर्ण तसल्ली होगी, नव भारत के आनंद की, जब दिखे युवाओं के चेहरे पर झलक विवेकानंद की” से युवाओं को प्रेरित किया।
- प्रो. ओमपाल सिंह ‘निडर’ ने अपनी प्रेरणादायक कविता “उठो साथियों, निज धरम बिक न जाये” से तालियों की गड़गड़ाहट लूटी।
- श्रुति सिंघल ने “मैं क्यों तुम नहीं बंध जाती उन बुजुर्गों की कलाइयों में” जैसी सशक्त कविता के माध्यम से समाज के संवेदनशील पहलुओं को उजागर किया।
साहित्य शिल्पी सम्मान की घोषणा
कार्यक्रम में साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को साहित्य शिल्पी सम्मान से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के माध्यम से साहित्य के प्रति उनके योगदान को सराहा गया।
संगठन का महत्व और आभार व्यक्त किया गया
इस आयोजन में नितिन जौहरी (इंडिया राइजिंग), पंडित अपूर्व शर्मा (एडवोकेट), अरविंद सिंह, मानवेन्द्र मल्होत्रा, ब्रजेश पंडित, ममता पचौरी, इंद्रा सारस्वत, दिव्या पांडे सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इन सभी ने इस साहित्यिक महासंगम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ताज लिटरेचर क्लब द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन ने न केवल साहित्य को सम्मानित किया, बल्कि साहित्यिक संवाद और विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। साहित्यकारों की रचनाओं ने समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और विशेष रूप से युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित किया। इस आयोजन ने साहित्य प्रेमियों को एक साथ लाकर साहित्य का महासंगम सजा दिया।