प्रयागराज: प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ हर चार साल में लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है, और इस बार महाकुंभ से पहले एक नया विवाद उठ खड़ा हुआ है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के एक बयान ने धार्मिक माहौल को और गरमा दिया है। बरेलवी ने दावा किया है कि महाकुंभ स्थल पर 55 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है। उनके इस बयान के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने तीखा हमला किया है और इसे ‘गजवा ए हिंद’ का सपना करार दिया है।
वक्फ बोर्ड के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया
मौलाना बरेलवी के इस बयान को लेकर VHP के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ की तिथि नजदीक आते ही कुछ दलों के पैरों तले ज़मीन खिसकने लगी है। जब इस्लाम नहीं था, तब से प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। ऐसे बयानों से वक्फ बोर्ड की भी कलई खुल गई है।” उन्होंने आगे कहा कि इस्लामी मानसिकता वाले लोग, जो इस महाकुंभ स्थल पर गिद्ध दृष्टि डाल रहे हैं, भारत में गजवा ए हिंद का सपना देख रहे हैं, लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।
बंसल ने कहा, “यह जिहादी मानसिकता के लोग हैं जो भारत की धरती पर कब्जा करना चाहते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन पर उनकी कोई भी नजरें सफल नहीं होंगी।”
वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा लेने की अपील
साध्वी ऋतंभरा ने भी मौलाना बरेलवी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड की सारी जमीन पर सरकार को तुरंत कब्जा कर लेना चाहिए। यह बोर्ड कानून का दुरुपयोग करके देश की ज़मीनों पर कब्जा कर रहा है। महाकुंभ की जमीन पर वक्फ बोर्ड का जो दावा है, वह असंगत है। इसे सरकार को अपने कब्जे में लेना चाहिए।”
साध्वी ने और भी गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा, “भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को चुन-चुन कर बाहर किया जाना चाहिए। हमें अतीत में जो गलती की है, उसे फिर से नहीं दोहराना चाहिए। जिन शरणार्थियों को हमने यहां जगह दी थी, उन्हीं ने हमारे देश को लूटने का काम किया है।”
महाकुंभ की महत्वता और विवाद
प्रयागराज में महाकुंभ, जो कि हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख धार्मिक आयोजन है, हर चार साल में आयोजित किया जाता है। यह आयोजन करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है और देश-विदेश से लोग यहां आते हैं। महाकुंभ का आयोजन संगम तट पर होता है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मौलाना बरेलवी का यह बयान महाकुंभ स्थल से जुड़ी 55 बीघा जमीन के वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के बारे में था। उनका कहना है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है और इस पर उनका हक है।
हालांकि, हिंदू संगठनों का मानना है कि यह स्थल सदियों से हिंदू धर्म के लिए पवित्र है और इसे किसी अन्य धर्म या बोर्ड के दावों से न तो प्रभावित किया जाना चाहिए और न ही इस पर कब्जा किया जाना चाहिए।
गजवा ए हिंद: एक विवादास्पद विचार
“गजवा ए हिंद” एक इस्लामी विचार है जो ऐतिहासिक रूप से भारत में इस्लाम के विजय का संकेत माना जाता है। यह विचार भारत में एक लंबे समय से विवाद का कारण बना हुआ है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि कुछ मुस्लिम संगठन इस विचार को अपनी गतिविधियों और बयानबाजियों के माध्यम से बढ़ावा दे रहे हैं।
साध्वी ऋतंभरा और VHP के प्रवक्ता का मानना है कि इस तरह के बयान और विचार भारतीय संस्कृति और समाज को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से दिए जा रहे हैं।