आगरा। आगरा फिरोजाबाद रोड स्थित मंडी समिति के पास प्राइवेट बस पलटने से कई लोग घायल हो गए घटना के बाद मौके पर राहगीर और दुकानदारों की भीड़ एकत्रित हो गई सूचना मिलते ही थाना ट्रांस यमुना पुलिस मौके पर पहुंच गई पुलिस ने लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है वहीं एक की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर को एक प्राइवेट बस सवारियों को लेकर फिरोजाबाद की तरफ जा रही थी मंडी समिति के पास एक बाइक सामने आ गई जिसे बचाने के लिए कर बस पलट गई बस के पलटने से उसमें बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई साथ ही बस में फंसे लोगों को निकालने के लिए आसपास के दुकानदार और राहगीर एकत्रित हो गए वहीं मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से यात्रियों को बाहर निकाला और घायल हुए कुछ लोगों को उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराया है वहीं थानाध्यक्ष ट्रांस यमुना ने बताया कि दुर्घटना में 3 लोग घायल हुए थे जिनमें से एक की हालत चिंताजनक बनी हुई है जिन्हें एसएन अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
क्या कुंबकरणीय नींद सो रहा है परिवहन विभाग?
गौरतलब है कि मंडी समिति के पास बस पलटने से जहां एक ओर लोगों में डर व्याप्त हो गया था तो वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग को भी ऐसे प्राइवेट बसों को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए वहीं सूत्रों की माने तो कुछ बचा ऐसी भी हैं जो कि यज्ञ में आ रहे हैं और उनकी फिटनेस भी सही नहीं है इसके बाद भी कुंभकरण की नींद सो रहे परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा ही होता है कि ऐसी प्राइवेट बस है आराम से सवारियों का बरकत फर्राटे भर्ती है और इसी के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है वहीं सूत्रों की माने तो कुछ प्राइवेट बस ऐसी भी है जिनकी फिटनेस बिल्कुल भी ठीक नहीं है और उन्हें रोड पर चलाने के लिए रंग कर दिया जाता है।
यातायात विभाग को भी करनी चाहिए कार्रवाई
गौरतलब है कि जहां एक ओर परिवहन विभाग को पीटने का ध्यान देना होता है तो वहीं दूसरी ओर यातायात विभाग को बी एस और सख्त रुख अपनाना चाहिए क्योंकि जिस तरह के से यह बस पराठे भर्ती है उससे कभी भी हादसा हो सकता है सूत्रों की मानें तो जो बस शुक्रवार को मंडी समिति के पास पलटी है इसका ना तो बीमा है और ना ही फिटनेस पूरी है इसके बावजूद यह बस रोड पर आराम से चल रही है वहीं सूत्रों की मानें तो इस बस का कुछ समय पहले ही चालान भी हो चुका है आखिर ऐसी बस को यातायात विभाग ने सीज करना मुनासिब क्यों नहीं समझा इस बात को लेकर भी यातायात विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा होता है।