नई दिल्ली: भारत के मध्य, पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को तेजी से कवर करने के बाद, दक्षिण-पश्चिमी मानसून के अगले दो से तीन दिनों में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों तक पहुँचने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी 20 से 25 जून के बीच उत्तर-पश्चिम भारत के बड़े हिस्से में भारी वर्षा का अनुमान जताया है। इस बीच, मानसून की दस्तक से कई राज्यों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बिजली गिरने से मौतें
गुरुवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य क्षेत्र के कई जिलों में भी बारिश का दौर जारी रहा। पूर्वांचल के सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर, प्रयागराज, देवरिया, गोरखपुर और आसपास के जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान 40-50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलेंगी। उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने की घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मौसम खराब होने के कारण आठ उड़ानें देरी से चलीं।
उन्नाव में तेज बारिश के कारण उन्नाव-बालामऊ रूट पर ऊगू हाल्ट के पास ट्रैक के नीचे की मिट्टी धंस गई, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। ग्रामीणों के समय पर इशारे से लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया और 42 मिनट की मरम्मत के बाद ट्रेन रवाना हो सकी।
झारखंड और बिहार में जनजीवन अस्त-व्यस्त
झारखंड के ज्यादातर हिस्सों में लगातार दूसरे दिन वर्षा जारी रही, जिसके चलते 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को अगले तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में वर्षा जनित घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से अधिक पुल-पुलिया और डायवर्सन बह गए। जमशेदपुर और चक्रधरपुर में रेल ट्रैक पर पानी भरने से कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, वहीं रांची आने-जाने वाली उड़ानें भी बाधित रहीं।
बिहार के गयाजी में फल्गु नदी में अचानक बढ़े जलस्तर और तेज बहाव के कारण सिक्स लेन पुल के नीचे डेरा डाले 20 बंजारे फंस गए, जिनमें से दो अभी भी लापता हैं। पुलिस और स्थानीय तैराकों की मदद से 18 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। पश्चिम चंपारण में हरहा नदी पर बना लगभग 200 मीटर का चचरी पुल भी तेज बहाव में बह गया।
गुजरात में मानसून की तबाही
गुजरात में मानसूनी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। 16, 17 और 18 जून को हुई भारी बारिश के कारण बोटाद में एक परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गई। भावनगर जिले के भाल क्षेत्र के कई गाँव बाढ़ में डूब गए हैं। 18 जून को भावनगर अग्निशामक विभाग ने अभियान चलाकर 58 लोगों को सुरक्षित बचाया।