गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद नगर निगम का नया कारनामा सामने आया है। कविनगर जोन कार्यालय ने संजयनगर के एल ब्लॉक में दो कमरे के एक मकान में रहने वाले परिवार को 1.50 लाख रुपए से भी अधिक का हाउस टैक्स चुकाने का नोटिस भेजा है। मकान मालिक नोटिस देखकर हैरान है कि आखिर इतना हाउस टैक्स कैसे हो गया। वहीं, नगर निगम ने फाइनल नोटिस जारी कर कहा है कि वह बकाया टैक्स अदा करें, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार ने इस संबंध में निगम में शिकायत की है।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ संजीव सिन्हा का कहना है कि इस मामले में शिकायत मिली है, जल्द ही शिकायत का निस्तारण किया जाएगा। नगर निगम के कविनगर जोन की ओर से हाउस का यह डिमांड नोटिस एल ब्लॉक के मकान नंबर 468 को भेजा गया है। यह मकान केवल दो कमरे का है।
नगर निगम के अधिनियम 1959 की धारा 506 के तहत निगम ने यह नोटिस भेजा है। कविनगर जोन की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि मकान पर 1 लाख 56 हजार 689 रुपए का टैक्स बकाया है। नोटिस मिलने के 15 दिनों के अंदर टैक्स जमा कराएं, नहीं तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। इसके चलते गृहस्वामी अर्जुन नाथ काफी परेशान हो गए। उन्होंने कहा कि वह इतने रुपये कहां से भरेंगे।
गृह स्वामी अर्जुन निगम का कहना है कि उन्होंने इस मकान को 2012 में खरीदा था। 31 गज के इस मकान का हाउस टैक्स करीब 231 था, जिसे पुराने मकान मालिक ने पूरी तरह टैक्स का भुगतान करके उन्हें दिया था। इसके बाद उनके पास हाउस टैक्स का बिल ही नहीं आया। उन्होंने कई बार इसकी मांग की, लेकिन उन्हें हाउस टैक्स का बिल नहीं दिया गया। अब अचानक 1,56,689 रुपए का बिल भेज दिया गया है। वह लगातार नगर निगम ऑफिस में जाकर यह पूछ रहे हैं कि यह टैक्स कितने साल का है और किस हिसाब से है, लेकिन उन्हें कोई जानकारी देने को तैयार नहीं है। सामान्य रूप से उनके घर के आस पास उनके जैसे बने मकान का हाउस टैक्स करीब 600 रुपए सालाना आता है।
मकान मालिक की ओर से इस नोटिस को सूचना के अधिकार के तहत चुनौती दी गई है। अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव ने नोटिस पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान वह यह नहीं बता पाए कि दो कमरे के मकान पर आखिर डेढ़ लाख रुपए से अधिक का हाउस टैक्स कैसे लगा दिया गया। अ
पर नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बनी निस्तारण कमिटी ने मकान मालिक को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान कविनगर जोन स्तर पर किया जाएगा। नोटिस को संशोधित किया जाएगा और उचित टैक्स लागू किया जाएगा। पीड़ित अर्जुन नाथ की ओर से इस मामले में अधिक हाउस टैक्स को लेकर कविनगर टैक्स अधीक्षक एके गुप्ता को शिकायत दी गई है, मगर अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।