फतेहपुर सीकरी। विकास खंड के ग्राम महदऊ में खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा ‘विश्व मृदा दिवस’ मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया गया ।जिस तरह पानी के बिना जीवन की कल्पना मुमकिन नहीं ठीक उसी तरह मिट्टी का भी महत्व है। भारत का तो आधी से अधिक आबादी ही कृषि पर निर्भर है। लेकिन खेतों में किसानों द्वारा बहुत ज्यादा और असंतुलित मात्रा में उर्वरको और कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल से मिट्टी की गुणवत्ता में निरंतर में कमी आ रही है। जो खाद्य सुरक्षा, पेड-पौधों के विकास और जीवों के जीवन और आवास व मानव जाति के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है ऐसे में मिट्टी का संरक्षण बहुत जरूरी हो गया है। मिट्टी हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह भोजन, कपड़े, आश्रय और दवा समेत जीवन के चार प्रमुख साधनों का स्रोत यही है। इसलिए इसके संरक्षण पर ध्यान देना जरूरी है। किसानो को मिट्टी और पानी का परीक्षण की निःशुल्क सेवा भी उपलब्ध कराती है और परीक्षण के परिणामों के आधार विशेषज्ञ खेती में उर्वरकों के संतुलित उपयोग पर जोर देते हैं।
‘विश्व मृदा दिवस’ को ध्यान में रखते हुए संगठन द्वारा उत्तम संतुलित पोषण अभियान के तहत क्षेत्र के विभिन्न गाँवो में मिट्टी की देखभाल कैसे की जाये के बारें में किसानों को जागरूक करने के लिए सघन कम्पैन 22 नवम्बर 2024 से 10 दिसम्बर 2024 तक चलाया जा रहा है। इस कम्पैन में विभिन्न तकनिकी कार्यक्रमों जैसे चौपाल गोष्ठी, मिट्टी परीक्षण दिवस, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण दिवस, कृषक संगोष्ठि, फसल संगोष्ठि, उर्वरक अभिमुख कार्यक्रम आदि का आयोजन करके किसानों को मिट्टी जाँच का तरीका और फायदें, बताए।इस कार्यक्रम मे अधिकारी डॉ जगमोहन सैनी, कृषि वैज्ञानिक डॉ मनोज पांडेय ( हेड ऑफ डेपर्टमेंट, आर. बी. एस. कृषि संकाय, बिचपुरी, और गाँव के प्रगतिशील किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को मिट्टी की देखभाल के तरीकों जैसे मिट्टी की जाँच, निगरानी और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के तरीको से अवगत कराया गया। विशेषज्ञों ने आशा जताई की सभी किसान कार्यकम में बताई गयी सभी बातों को ध्यान रखते हुए मिट्टी की देखभाल करते हुए खेती करेंगे और भविष्य के लिए देश की मिट्टी को स्वस्थ और टिकाऊ रखने में भागीदार बनेंगे।