नई दिल्ली। सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरु कर दिया है। जिसके तहत अब तक कई भारतीयों को सुरक्षित निकाल भी लिया गया है। सूडान से तिरंगे के साथ लौट रहे भारतीयों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही है और इसी के साथ दुनिया भर में रह रहे भारतीयों के मन में यह विश्वास और प्रबल हुआ है कि वह जहां कहीं भी हों, यदि कभी कोई मुश्किल आई तो भारत तत्काल मदद के लिए पहुँचेगा।
सूडान में हिंसक संघर्ष के बीच फंसे अपने लोगों को निकालने के लिए भारत ने जिस तरह सूडान में प्रभावी उपस्थिति रखने वाले देशों से लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव तक की मदद ली वह काबिलेतारीफ भी है और हर भारतीय की जान के प्रति भारत सरकार की चिंता को भी दर्शाता है।
गौरतलब है कि भारत इससे पूर्व युद्ध और गृहयुद्ध जैसे हालात के बीच यमन, अफगानिस्तान, सीरिया और यूक्रेन से भी भारतीयों की सुरक्षित वापसी करा चुका है। ऑपरेशन कावेरी के बारे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय जहाज और विमान भारतीयों को स्वदेश लाने के लिये तैयार हैं। जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा, सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू हो गया है। करीब 500 भारतीय सूडान के बंदरगाह पहुंच गए हैं। कई और रास्ते में हैं।
गौरतलब है कि रविवार को भारत ने कहा था कि हिंसा प्रभावित सूडान में फंसे भारतीयों को इस अफ्रीकी देश से सुरक्षित रूप से निकालने की अपनी आकस्मिक योजना के तहत जेद्दा में दो सी-130जे सैन्य परिवहन विमान उड़ान भरने के लिए तैयार रखे गए हैं।
साथ ही, भारतीय नौसेना के एक जहाज आईएनएस सुमेधा को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बंदरगाह पर रखा गया है। इससे पहले, शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आकस्मिक योजनाओं की तैयारी के लिए निर्देश दिये थे।
उल्लेखनीय है कि सूडान में वहां की सेना और एक अर्द्धसैनिक समूह के बीच पिछले 10 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। विदेश मंत्री ने हिंसाग्रस्त सूडान की स्थिति पर हाल ही में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की थी।