हमारे समाज के बंटवारे का फायदा दूसरे लोगों ने उठाया है- मोहन भागवत

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि ”हमारे समाज के बंटवारे का फायदा दूसरे लोगों ने उठाया है. हिंदू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं. उनमें कोई जाति वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने जो श्रेणी बनाई वो गलत थी. देश में विवेक और चेतना सभी एक हैं. उसमें कोई अंतर नहीं है. बस मत अलग-अलग हैं. जाति भगवान ने नहीं पंडितों ने बनाई है. भगवान सभी के लिए एक हैं. पंडितों ने जो श्रेणी बनाई वो गलत थी.”

चिदंबरम ने कोर्ट के फैसले पर मुकदमे से पहले की कैद करार दिया

See also  यूपी का पहला अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी उद्घाटन

इसके साथ ही मोहन भागवत ने कहा “बाहरी लोगों ने फायदा उठाकर देश में आक्रमण किया है. आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जा रहा है. किसी भी हाल में धर्म को न छोड़ें. धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की. बदलता तो धर्म छोड़ दो. ऐसा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने कहा है. उन्होंने परिस्थिति को कैसे बदलो यह बताया है.”

पति ने संबंध नहीं बनाए तो पत्नी ने लगा ली फांसी‚ सुसाइड नोट में किया खुलासा

मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि संत रोहिदास तुलसीदास कबीर सूरदास से ऊंचे थे. इसलिए संत शिरोमणि थे. संत रोहिदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिया कि भगवान हैं. पहले सत्य करुणा अंतर पवित्र सतत परिश्रम और चेष्टा यह 4 मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए. संत रोहिदास ने कहा है कि धर्म के अनुसार कर्म करो. पूरे समाज को जोड़ो समाज के उन्नति के लिए काम करना. यही धर्म है. यह उन्होंने बताया. सिर्फ अपने बारे में सोचना और पेट भरना ही सिर्फ धर्म नहीं है.

See also  एडीए उपाध्यक्ष ने की समीक्षा बैठक: अनुपालन आख्या में तेजी लाने के निर्देश

आपको बता दें कि इसके पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस पर बोलते हुए कहा था कि एक गणराज्य के नाते हम अपने देश को ज्ञानवान लोगों का देश बनायेंगे. त्यागी लोगों का देश बनायेंगे और दुनिया के हित में सतत कर्मशील रहने वाले लोगों का देश बनायेंगे. हमारी सार्वभौम प्रभुसत्ता का प्रतीक तिरंगा हम उत्साह आनंद और अभिमान से फहराते है. तिरंगे में ही हमारा गंतव्य नीहित है हमको भारत के नाते इसे दुनिया में बड़ा करना है.

See also  मेरठ और मुजफ्फरनगर में सड़क हादसे में चार लोगों की मौत
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.