पद्म श्री प्रो. डाॅ. बी. के. एस. संजय, पद्म भूषण प्रो. डाॅ. बी. मुखोपाध्याय ओरेशन से भागलपुर में सम्मानित

Dharmender Singh Malik
5 Min Read
  • पद्म भूषण डाॅ. बी. मुखोपाध्याय ओरेशन से पद्म श्री डाॅ. बी. के. एस. संजय सम्मानित
  • पद्म श्री डाॅ. बी. के. एस. संजय एक और प्रतिष्ठित बी. मुखोपाध्याय ओरेशन से सम्मानित

दीपक शर्मा

देहरादून। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल काॅलेज, भागलपुर में आयोजित बिहार ऑर्थोपीडिक एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में महापौर डाॅ. वसुंधरा लाल, मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. उमा शंकर सिंह, बिहार ऑर्थोपीडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. भरत सिंह, सचिव डाॅ. महेश प्रसाद, पद्म भूषण डाॅ. बी. मुखोपाध्याय ओरेशन से सम्मानित पद्म श्री डाॅ. बी.के.एस. संजय, सम्मेलन के अध्यक्ष डाॅ. सोमेन चटर्जी, सचिव डाॅ. अमिताभ सिंह, डाॅ. मणी भूषण ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।

प्रो. डाॅ. बी. मुखोपाध्याय न केवल बिहार प्रदेश बल्कि अपने समय के देश के एक प्रतिष्ठित ऑर्थोपीडिक सर्जन थे। वह पटना मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर हेड, बिहार स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक एवं योजना आयोग एवं एलिमको के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इनको देश-विदेश के कई संस्थाओं से सम्मानित किया जा चुका है जिनमें से मुख्य हैं डाॅ. बी. सी. राय अवार्ड, आईओए का लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड आदि। उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्याें के लिए भारत सरकार ने 1971 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

See also  Agra News : हापुड घटना के विरोध में जनमंच ने अर्द्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

डाॅ. बी. मुखोपाध्याय ऑर्थोपीडिक सर्जरी के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित ओरेशन है जो बिहार ऑर्थोपीडिक ऐसोसेशियन द्वारा उनकी याद में हर साल देश के एक जाने-माने ऑर्थोपीडिक सर्जन को दिया जाता है। इस साल उत्तराखंड के पद्म श्री प्रो. डाॅ. बी. के. एस. संजय को पद्म भूषण डाॅ. बी. मुखोपाध्याय ओरेशन से सम्मानित किया गया है।

ओरेशन के दौरान डाॅ. संजय ने अपने संबोधन में कहा कि “पैरों का स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि हृदय का“। किसी भी व्यक्ति का विकास चलने-फिरने पर निर्भर करता है। जीवन के हर पड़ाव पर चलना महत्वपूर्ण है, हालांकि, यह बचपन में अधिक महत्वपूर्ण है। 2011 की जनगणना के अनुसार सभी विकलांगताओं में 20 प्रतिशत लोग चलने-फिरने की विकलांगता से पीड़ित हैं। विकृति के मुख्य कारण पोलियो, क्लब फुट और सी.पी. हैं।

See also  दुल्हन को एयरपोर्ट पर छोड़ मुंबई भागा दूल्हा गोवा के होटल में रचाई थी शादी

हालांकि हाल के वर्षों में सड़क यातायात दुर्घटनाऐं सभी विकृतियों का मुख्य कारण बन गया है। किसी भी प्रकार की अक्षमता से न केवल शारीरिक क्षति होती है बल्कि मानसिक, आर्थिक और सामाजिक हानि भी होती है। हम सभी को विकसित होने के लिए अनुकूल वातावरण की आवश्यकता है। सक्षम व्यक्तियों की तुलना में अक्षम व्यक्तियों की आवश्यकताऐं कुछ अधिक ही होती है।

डॉ. संजय ने यह भी बताया कि विकृति का सुधार जल्दी ही किया जाना चाहिए। आम लोगों की धारणा है कि बच्चों के बड़े हो जाने पर ही ऑपरेशन करना चाहिए लेकिन जितनी जल्दी सुधार होगा, उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा। पहले सी.पी., पोलिया, क्लब फुट विकृति एवं विकलांता के मुख्य कारण थे। लेकिन आज दुर्घटनाएं विकृति एवं विकलांगता के मुख्य कारण बन गये है। डाॅ. संजय ने प्रेस वार्ता के दौरान ऑर्थोपीडिक सम्मेलन में कहा कि आज युवा लोग जिम जाने के कारण रीढ़, घुटने और कंधे की बीमारी के शिकार हो रहे है।

See also  धोखाधड़ी आरोप में मुकदमा दर्ज कें आदेश

सम्मेलन के दौरान डॉ. संजय ने यह भी कहा कि अगर हम सबके पैरों की सेहत ठीक नहीं हुई होती और हम चल नहीं रहे होते तो आज हम जहां पहुंचे हैं वहां नहीं पहुंच पाते। दूसरे शब्दों में, जो चल नहीं सकते, वे वहाँ नहीं पहुँच सकेंगे जहाँ हम पहुँचे हैं। वे केवल सपने देख सकते हैं और जो लोग चलते हैं वे सिर्फ सपने ही नहीं देख सकते बल्कि अपने सपनों को पूरा भी कर सकते हैं। किसी भी कारण से होने वाली विकृति और अपंगता को जल्द से जल्द ठीक कर लेना चाहिए क्योंकि पौधे आसानी से सीधे किए जा सकता है, पेड़ नहीं।

See also  उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर: एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के प्रशांत कुमार ने सभी जिलों को सतर्क रहने का आदेश दिया
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement