आगरा। बरसात के बाद सड़कों पर जमा पानी से काई बढ़ गई है और सड़कों का रंग हरा पड़ गया है। नालियाँ न बनने के कारण पानी सड़कों तक पहुंच गया है और कई जगह नालियों का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। इस वजह से नालियों में पानी भर गया है, जिससे बदबू आने लगी है। गंदे पानी के जमाव के कारण मच्छर भी उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे वार्ड 58 में बीमारियों फैलने का खतरा बढ़ गया है।
नगर निगम की लापरवाही का नतीजा यह है कि मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग अभी तक नहीं की गई है। स्ट्रीट लाइटें टूटी हुई हैं और रात के समय हादसों का खतरा बढ़ गया है। पार्कों में भी गंदा पानी जमा है, जिससे बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है।
क्षेत्रीय पार्षद शेर सिंह सविता ने कई बार नगर निगम को समस्याओं के बारे में पत्र लिखा है, जिन पर नगर आयुक्त द्वारा मार्क भी किया गया है। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वार्ड 58 की पचास हजार की आबादी के लिए केवल 33 सफाईकर्मी हैं, और 20 अतिरिक्त सफाईकर्मियों की मांग को लेकर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
नगर निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़कर बैठे हैं और जनता को इन समस्याओं से निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। अब सवाल यह है कि कब होगा यमुना पार के वार्ड 58 का विकास और कब जागेगा आगरा नगर निगम की नींद?