Composite Grant से लेकर Mid Day Meal को डकारता रहा प्रधानाध्यापक, जांच कमेटी ने पकड़ा फर्जीवाड़ा, फिर भी “No Action”

Jagannath Prasad
4 Min Read

आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग आगरा के अधीन ब्लॉक पिनाहट के चार परिषदीय विद्यालयों के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी एवं एमडीएम समन्वयक की संयुक्त जांच रिपोर्ट पर पर्दा डालने वाले शिक्षाधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। सरकारी स्कूलों को निजी विद्यालयों की तर्ज पर विकसित करने का सपना देखने वाली सरकार के प्रयासों एवं कार्यों को पलीता लगाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह उन्हें अभयदान देना सरकारी सिस्टम की नाकामी को बयान कर रहा है।

आपको बता दें कि बीते अप्रैल माह में बीएसए आगरा द्वारा चार परिषदीय विद्यालयों पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगला भरी, प्राथमिक विद्यालय पिनाहट प्रथम, कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय नयाबांस एवं प्राथमिक विद्यालय बसई गुर्जर के निरीक्षण के दौरान मिली अनियमितताओं का संज्ञान लेकर खंड शिक्षा अधिकारी सौरभ आनंद एवं एमडीएम समन्वयक आकर्ष अग्रवाल की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर उक्त चारों विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देशों के अनुपालन में जांच कमेटी के दोनों सदस्यों ने चारों विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जो हालत उनके सामने निकल कर आए, बेहद हैरान कर देने वाले थे। विद्यालयों को कबाड़खाना बना रखा था। जिन विद्यालयों में सैकड़ों बच्चे नामांकित थे, मौके पर सिर्फ चंद बच्चे ही अनुपस्थित मिले।

See also  आवास विकास में पहली बार नवरात्रि महोत्सव का आयोजन, भोलेनाथ की भस्म आरती और शेरावाली मां के स्वरुप ने भक्तों को किया भाव विभोर

घोटालेबाज शिक्षकों के खिलाफ सौंपा गया संस्तुति पत्र

नयाबांस के प्रधानाध्यापक पर हुई थी वेतन रिकवरी, दीर्घ दंड और निलंबन की संस्तुति

बताया जाता है कि अग्र भारत के पास मौजूद जांच रिपोर्ट के अभिलेखों के अनुसार, कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय नयाबांस के प्रधानाध्यापक रामवीर के खिलाफ जांच कमेटी ने कड़ी रिपोर्ट दी थी। जिसके अनुसार, रामवीर ने विद्यालय के वित्तीय धन का गबन कर स्वयं उपभोग किया है। विगत तीन वर्षों की कंपोजिट ग्रांट से लेकर एमडीएम निधि को लगातार डकारा जाता रहा। रामवीर के खिलाफ वेतन रिकवरी से लेकर दीर्घ दंड देने और निलंबन करने की संस्तुति की गई थी।

See also  उमेश पाल की मां व उनकी पत्नी को सीएम योगी पर भरोसा, अतीक-अशरफ का साम्राज्य खत्म करेंगे

जांच अधिकारियों द्वारा दोषियों के खिलाफ बनाई गई रिपोर्ट

बसई गुर्जर की प्रधानाध्यापक के निलंबन और सहायक अध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हुई थी संस्तुति

बसई गुर्जर के परिषदीय विद्यालय का हाल भी न्यायबांस के विद्यालय से जुदा नहीं था। यहां भी जांच कमेटी द्वारा सर्जरी की जरूरत महसूस करते हुए इंचार्ज प्रधानाध्यापिका अनंतिमा सोलंकी के निलंबन, सहायक अध्यापक मनोज कुमार की एक अस्थाई वेतन वृद्धि रोककर अग्रिम आदेशों तक वेतन रोकने की संस्तुति की गई थी। अन्य दोनों विद्यालयों पिनाहट प्रथम एवं नगला भरी के परिषदीय विद्यालयों के स्टाफ के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की संस्तुति को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया।

See also  UP News: रेडीमेड कपड़ों के गोदाम में भीषण आग, लाखों का नुकसान

भ्रष्टाचार को दबाने का हो रहा शर्मनाक कारनामा

केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार, सरकारी विद्यालयों की सूरत बदलने के लिए गंभीर रहती हैं। विभिन्न मद से भारी भरकम धनराशि आवंटित करके परिषदीय विद्यालयों का कायाकल्प सुनिश्चित किया गया है। पिनाहट ब्लॉक के विद्यालयों में मिली अनियमितताएं शिक्षाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही हैं। विद्यालयों में फर्जीवाड़े होते रहे, अधिकारी मौन बने रहे। सरकारी धन की बर्बादी होतीब्राही, बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ होते रहे। इस गंभीर प्रकरण से उठ रहे सवाल भी बेहद गंभीर हैं।

See also  बाजरा खरीद घोटाले में फंसा बाबू हटाया गया, अफसरों की मिलीभगत का आरोप, एटा में बाजरा खरीद में गड़बड़ी, जांच जारी
Share This Article
Leave a comment