आगरा। शहीद स्मारक संजय प्लेस पर पूर्व सैनिकों का धरना अब तीसरे दिन भी जारी है। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश चाहर और संगठन मंत्री भोज कुमार सहित अन्य सैनिकों ने प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखा है। धरने में शामिल पूर्व सैनिकों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं, जिनमें से कोई भी असंवैधानिक या राजनीतिक नहीं है। इसके बावजूद प्रशासन ने इन मांगों को अनसुना कर दिया है, जिससे उनके बीच गहरी नाराजगी है।
पूर्व सैनिकों की पांच सूत्रीय मांगें
पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश चाहर ने अपनी पांच सूत्रीय मांगों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हमारी ये मांगें न तो असंवैधानिक हैं और न ही राजनीतिक। फिर भी प्रशासन इन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यह प्रशासन की लापरवाही और अंजानपन को दर्शाता है।” उन्होंने कहा कि प्रशासन के रवैये से लगता है कि अधिकारियों को आम जनता और पूर्व सैनिकों की परेशानियों का कोई ध्यान नहीं है।
महेश चाहर ने कहा, “हमारी मांगे बहुत ही जायज हैं। हमें लगता है कि अगर प्रशासन इन मांगों को सही तरीके से सुने और कार्रवाई करें, तो कोई भी समस्या नहीं होगी। लेकिन प्रशासन की अनदेखी इस बात को साबित करती है कि वे हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।”
प्रशासन के तानाशाही रवैये पर सवाल
धरने के तीसरे दिन संगठन मंत्री भोज कुमार ने प्रशासन के तानाशाही रवैये पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “हमारी जायज मांगों को नजरअंदाज करके अधिकारी अपनी तानाशाही दिखा रहे हैं। यह न केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को खराब कर रहा है, बल्कि खुद अधिकारियों की छवि भी दांव पर है।” भोज कुमार ने कहा कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे धरना कितने दिन भी क्यों न चले।
उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उनकी पांच सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। पूर्व सैनिकों की एकता और संघर्ष को देखते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन ने उनकी आवाज नहीं सुनी, तो वे अपने आंदोलन को प्रदेश स्तर पर फैलाने का काम करेंगे।
आंदोलन को प्रदेश स्तर पर फैलाने की योजना
पूर्व सैनिक संघर्ष समिति ने अपनी अगली रणनीति के बारे में भी जानकारी दी। भोज कुमार ने कहा, “हमने यह निर्णय लिया है कि अब हम अपने आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैलाएंगे। प्रदेश के सभी जिलों में पूर्व सैनिकों के धरने को लेकर रणनीति बनाई जाएगी, ताकि इस आंदोलन को और धार दी जा सके।” उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में पूर्व सैनिक अपनी मांगों को लेकर एकजुट होंगे और इस आंदोलन को और तेज करेंगे।
पूर्व सैनिकों की निरंतर संघर्ष भावना
पूर्व सैनिकों का कहना है कि उन्हें अपनी पूर्व सेवा के दौरान जो सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए, वह उनका हक है। वे यह चाहते हैं कि प्रशासन उनके अधिकारों की अनदेखी न करे और उनकी जायज मांगों को प्राथमिकता दी जाए। धरने में शामिल पूर्व सैनिकों का कहना है कि वे अपने संघर्ष को तब तक जारी रखेंगे, जब तक उनकी आवाज को सुना नहीं जाता और उनके अधिकार बहाल नहीं होते।
पूर्व सैनिकों का संदेश
पूर्व सैनिकों ने यह भी कहा कि उनका आंदोलन किसी तरह की हिंसा या असहमति का नहीं है। यह एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन है, जिसमें वे सिर्फ अपने हक के लिए आवाज उठा रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन उनकी समस्याओं को समझे और उनकी जायज मांगों को पूरा करें।
शहीद स्मारक संजय प्लेस पर जारी यह धरना प्रशासन की लापरवाही और पूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान की कमी को उजागर करता है। यदि प्रशासन ने समय रहते पूर्व सैनिकों की मांगों का समाधान नहीं किया, तो यह आंदोलन प्रदेश स्तर पर फैल सकता है। पूर्व सैनिकों का संघर्ष उनके हक और सम्मान के लिए है, और वे किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।