आगरा: केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा शिल्पग्राम रोड पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में एक असामान्य घटना घटी, जब दो विधायकों ने मंच पर जगह न मिलने के कारण हंगामा किया। इसके बाद, मंच पर बैठी रानी पक्षालिका सिंह, जो इस कार्यक्रम में अकेली विधायक थीं, खुद मंच से उतरकर नीचे आकर बैठ गईं।
यह कार्यक्रम जिले के नौ विधायकों और कई विधान परिषद सदस्यों के बीच आयोजित किया गया था। आयोजन में मंच पर केवल बाह की विधायक रानी पक्षालिका सिंह को ही जगह दी गई, जबकि अन्य विधायकों को मंच के नीचे अग्रिम पंक्ति में बैठने के लिए कहा गया।
सूत्रों के अनुसार, रानी पक्षालिका सिंह को मंच पर बैठाने का कारण उनकी महिला विधायक के रूप में विशिष्टता हो सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान और जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया को प्रोटोकॉल के तहत मंच पर बैठाया गया था।
हंगामा और विरोध
मंच पर अकेली विधायक रानी पक्षालिका सिंह को देख फतेहपुरसीकरी के विधायक चौधरी बाबूलाल और फतेहाबाद के विधायक छोटे लाल वर्मा ने इसका विरोध किया। दोनों विधायकों ने यह सवाल उठाया कि उन्हें मंच पर क्यों नहीं बैठाया गया, जबकि वे कई बार के विधायक हैं। इस विरोध के बाद, दोनों विधायकों ने सम्मेलन का बहिष्कार करने की घोषणा की और वहां से जाने लगे।
आगरा: पंचायती सम्मेलन में बवाल, विधायक बाबूलाल और छोटेलाल वर्मा का अपमान पर भड़का विरोध
हालांकि, विधायक पुरषोत्तम खंडेलवाल और अन्य अधिकारियों ने उन्हें शांत कर बहिष्कार से रोका। इसके बाद, रानी पक्षालिका सिंह ने हंगामे को देख मंच से खुद ही उतरकर नीचे बैठने का निर्णय लिया, जहां अन्य विधायक पहले से बैठे हुए थे।
मंच पर क्यों बैठीं रानी पक्षालिका सिंह?
सूत्रों के मुताबिक, रानी पक्षालिका सिंह को मंच पर लाने का निर्णय एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने लिया था। यह अधिकारी सम्मेलन के गेट पर वीआईपी के स्वागत के लिए मौजूद थे और उन्होंने विधायक को सीधे मंच पर ले जाकर बैठा दिया।
मंच पर बैठने के बाद, रानी पक्षालिका सिंह ने नीचे बैठे विधायकों को देखा और असहज महसूस की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल से भी यह सवाल किया कि सभी विधायक नीचे क्यों बैठे हैं और उन्हें मंच पर क्यों बैठाया गया। इस पर प्रोफेसर बघेल ने कहा, “आयोजकों ने आपको यहां बैठाने का निर्णय लिया है, तो आप यहीं बैठें।”
समारोह में असमंजस
इस बीच, दोनों विधायकों द्वारा मंच पर जगह न मिलने के कारण हंगामा खड़ा कर दिया गया। हंगामे के बाद, रानी पक्षालिका सिंह ने मंच से नीचे उतरने का फैसला किया और अन्य विधायकों के साथ नीचे जाकर बैठ गईं।