आगरा: चिकित्सा जगत का एक बड़ा सितारा हमें छोड़ गया
आगरा के प्रख्यात डॉक्टर आरएम मल्होत्रा, जो लंबे समय से समाज में अपनी चिकित्सा सेवा के लिए जाने जाते थे, सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका निधन रविवार को हुआ था। उन्हें विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग नम आंखों से अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
डाॅ. आरएम मल्होत्रा का अंतिम संस्कार ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया, जहां सैकड़ों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए एकत्रित हुए। उनका पार्थिव शरीर दोपहर दो बजे से जनता के दर्शनों के लिए रखा गया। इसके बाद शवयात्रा उनके निवास स्थान सूरज विहार कॉलोनी, सिकंदरा से शुरू हुई, और ढाई बजे नालबंद स्थित मल्होत्रा नर्सिंग एवं मैटरनिटी होम पहुंची। यहां पर डॉक्टरों और स्टाफ ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
भावुक क्षण
जैसे-जैसे शवयात्रा आगे बढ़ी, लोग अपने प्रिय डॉक्टर को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए शामिल होते गए। तीन बजे शवयात्रा ताजगंज विद्युत शवदाह गृह पहुंची, जहां डॉ. आरएम मल्होत्रा के पुत्र, डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। यह क्षण न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि चिकित्सा जगत के लिए भी बेहद भावुक और कठिन था। पूरे वातावरण में गम का माहौल था, लेकिन वहां उपस्थित लोग शांति और श्रद्धा के साथ अपने प्रिय डॉक्टर को विदाई देने के लिए खड़े थे।
चिकित्सा जगत में योगदान
डाॅ. आरएम मल्होत्रा ने चिकित्सा जगत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया था। उनकी विशेष पहचान उनके मरीजों के साथ सहजता से व्यवहार करने और उन्हें आत्मीयता से देखभाल देने की थी। वे अपने काम के प्रति हमेशा समर्पित रहे और उन्होंने अनेक सामाजिक कार्यों में भी भाग लिया था। उन्होंने कुष्ठ आश्रम, रोटरी क्लब, आगरा क्लब और महिला क्लब जैसी संस्थाओं में अपने योगदान से समाज की सेवा की।
श्रद्धांजलि
उनके निधन पर डॉक्टर संजय चतुर्वेदी, संदीप अग्रवाल, आदित्य पारीक, डीवी शर्मा, सविता त्यागी, रत्ना शर्मा, सीए दीपेंद्र मोहन, सुनील जैन, ओमप्रकाश, अनुराग दीक्षित और कई अन्य संस्थाओं और क्लबों के लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। डॉ. आरएम मल्होत्रा की समाज सेवा, दयालुता और मरीजों के प्रति उनके समर्पण को हमेशा याद किया जाएगा।
डाॅ. आरएम मल्होत्रा का निधन न केवल आगरा बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी उदारता, चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान और समाज के लिए उनकी सेवा को हमेशा याद किया जाएगा। वे भले ही हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनके कार्यों और उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्य हमेशा जीवित रहेंगे।