नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनलोक अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और हिंदूवादी नेता अमित जानी ने हाल ही में कोलकाता से गिरफ्तार की गई शर्मिष्ठा राउत के मामले में बड़ा खुलासा किया है। जानी ने दावा किया है कि उन्होंने ही शर्मिष्ठा को कोलकाता से दिल्ली बुलाया था क्योंकि उन्हें इस बात का संदेह था कि कट्टरपंथी उसके साथ कन्हैयालाल दर्जी या कमलेश तिवारी जैसी कोई अनहोनी घटना को अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने ममता बनर्जी और कांग्रेस के ‘मोहब्बत की दुकान’ के नारे पर भी तीखे सवाल उठाए हैं।
“कट्टरपंथियों का डर सता रहा था”
अमित जानी ने मीडिया से बातचीत में बताया, “शर्मिष्ठा राउत लॉरेंस बिश्नोई की आने वाली फिल्म में काम करने की इच्छुक थी और इसी सिलसिले में वह लगातार मेरे संपर्क में थी। हाल के दिनों में जिस तरह से देश में कट्टरपंथी ताकतों ने कन्हैयालाल दर्जी और कमलेश तिवारी जैसे लोगों को निशाना बनाया है, मुझे शर्मिष्ठा की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं थीं। मुझे लगा कि कोलकाता में उसके साथ भी कुछ ऐसा ही हो सकता है, इसलिए मैंने ही उसे दिल्ली बुलाया था।”
फोन बंद होने पर हुआ शक, फिर पता चला गिरफ्तारी का
जानी ने आगे बताया, “शर्मिष्ठा लगातार मेरे टच में थी, लेकिन अचानक उसका फोन स्विच ऑफ हो गया। मुझे तभी लगा कि कहीं कुछ गड़बड़ है। बाद में मुझे मालूम चला कि कोलकाता पुलिस उसे गिरफ्तार करके ले गई है। यह खबर मेरे लिए चौंकाने वाली थी।”
ममता बनर्जी पर सीधा हमला: “अब इस्लाम कबूल कर लेना चाहिए”
अमित जानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी को अब इस्लाम कबूल कर लेना चाहिए। पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और जिस तरह से हिंदू लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। ममता सरकार तुष्टिकरण की राजनीति में इतनी अंधी हो चुकी है कि उसे राज्य की बेटियों की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है।”
‘मोहब्बत की दुकान’ वालों पर सवाल: “क्यों चुप हैं?”
कांग्रेस के ‘मोहब्बत की दुकान’ वाले नारे पर भी अमित जानी ने अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने सवाल किया, “मैं ‘मोहब्बत की दुकान’ वालों से पूछना चाहता हूं कि वे इस मामले पर क्यों चुप हैं? जब कोई हिंदू लड़की संकट में होती है, तो उनकी ‘मोहब्बत की दुकान’ कहां चली जाती है? क्या उनकी दुकान सिर्फ एक खास वर्ग के लिए ही खुली है?”
प्रियंका गांधी को चुनौती: “लड़की है तो लड़ नहीं सकती क्या?”
अमित जानी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी चुनौती दी। उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी खुद को महिला सशक्तिकरण की पैरोकार बताती हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या लड़की है तो लड़ नहीं सकती क्या? जब एक लड़की को बेवजह गिरफ्तार किया जाता है, तो उनकी आवाज क्यों नहीं निकलती? यह दोहरा रवैया क्यों?”
पूरे मामले पर नजर
शर्मिष्ठा राउत की गिरफ्तारी और अमित जानी के इन बयानों से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कोलकाता पुलिस इस मामले में आगे क्या कार्रवाई करती है और राजनीतिक दल इस मुद्दे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।