बिहार की सियासत में महागठबंधन के बीच दरार के संकेत मिलने लगे हैं। इस बात के हालिया उदाहरण गणतंत्र दिवस के मौके पर देखने को मिले। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक कार्यक्रम में मौजूद थे और दोनों नेताओं के बीच दूरी देखने को मिली। दोनों करीब 5 फीट की दूरी पर बैठे देखे गए।
इसके अलावा, जहां नीतीश कुमार के सामने माननीय मुख्यमंत्री लिखकर पोस्टर चिपकाया हुआ था, वहीं तेजस्वी यादव के सामने डिप्टी सीएम लिखा हुआ कोई नेम प्लेट नहीं था। इस बात से भी दोनों नेताओं के बीच बढ़ती दूरी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नीतीश कुमार का परिवारवाद पर बयान
नीतीश कुमार ने हाल ही में कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए परिवारवाद पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कर्पूरी ठाकुर कभी भी अपने परिवार के लोगों को आगे बढ़ाने का काम नहीं किया। लेकिन आजकल तो कुछ लोग अपने बेटे और परिवार को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। हमलोग कभी भी अपने परिवार के लोगों को बढ़ाने का काम नहीं किया।
यह बयान तेजस्वी यादव के परिवारवाद के आरोपों को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बयान से नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को संदेश देने की कोशिश की है।
क्या टूट जाएगा महागठबंधन?
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिखी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी से यह सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में महागठबंधन टूट जाएगा? हालांकि, दोनों नेताओं ने इस बात से इनकार किया है। लेकिन, दोनों नेताओं के बीच बढ़ती दूरी से ऐसा लग रहा है कि महागठबंधन के भविष्य पर संकट छाया हुआ है।