मेरठ। ब्लॉक संसाधन केंद्र रजपुरा में ह्यूमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला ने बच्चों के स्वयं मूल्यांकन पर नई रोशनी डाली। “बच्चों के स्वयं के सीखने के परिणाम या स्वयं मूल्यांकन कैसे करें” विषय पर केंद्रित इस कार्यशाला में 41 विद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यशाला की शुरुआत संस्था की टीम लीडर, अनुराधा पाल द्वारा की गई। उन्होंने विषय की प्रासंगिकता और शिक्षकों की भूमिका को स्पष्ट किया। मॉडरेटर डॉ. सरोज गौर और पिंकी शर्मा ने बच्चों के स्वयं मूल्यांकन के महत्व और विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।
प्रायोगिक सीखने का माहौल
कार्यशाला में शामिल गतिविधियों ने शिक्षकों को सीधे तौर पर स्वयं मूल्यांकन की प्रक्रिया को समझने में मदद की। शब्द खोज, चित्र जोड़ना और स्वयं मूल्यांकन आधारित अन्य गतिविधियाँ शिक्षकों को उत्साहित करने के साथ-साथ उनके सीखने को मज़ेदार बनाती रहीं।
टी. एम. पी. और टी. ओ. पी. कार्ड्स का प्रभावी उपयोग
पिंकी शर्मा और सचिन कुमार सैनी ने टी. एम. पी. और टी. ओ. पी. कार्ड्स के माध्यम से बच्चों की प्रगति को ट्रैक करने के तरीके को विस्तार से समझाया। इन कार्ड्स के व्यावहारिक उपयोग को जानकर शिक्षक उत्साहित हुए।
कदम प्लस कार्यक्रम पर जोर
खंड शिक्षा अधिकारी श्री सुरेंद्र सिंह ने कदम टूल किट की सराहना करते हुए सभी शिक्षकों से कदम प्लस कार्यक्रम का नियमित उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विद्यालयों को निपुण बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
सहयोग और आभार
डॉ. अनुराधा पाल ने सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सक्रिय भागीदारी ने कार्यशाला को सफल बनाया। शिक्षकों ने भी संस्था को धन्यवाद दिया और विश्वास दिलाया कि वे इस ज्ञान को अपने-अपने विद्यालयों में लागू करेंगे।
सफलता का मंत्र
इनसर्विस इंचार्ज भगवान सहाय, कपिल कुमार और सचिन कुमार का कार्यशाला को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनकी समर्पण भावना के कारण यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए एक यादगार अनुभव बन गई।