एचडीएफसी बैंक की डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट का अचानक निधन, काम के दबाव पर उठे सवाल

Dharmender Singh Malik
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लखनऊ: एचडीएफसी बैंक में कार्यरत डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट, 45 वर्षीय सदफ फातिमा का अचानक निधन हो गया। गोमती नगर स्थित बैंक शाखा में कार्यरत फातिमा अचानक कुर्सी से गिरकर बेहोश हो गईं और उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस घटना ने शहर में शोक की लहर दौड़ा दी है और काम के बढ़ते दबाव पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

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काम का दबाव बना मुद्दा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफसी बैंक की महिला कर्मी की दफ्तर में ही कुर्सी से गिरकर मौत का समाचार बेहद चिंतनीय है। उन्होंने इस घटना को देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव का प्रतीक बताया है।

सवाल उठ रहे

इस घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। क्या सदफ फातिमा की मौत का कारण वास्तव में काम का दबाव था? क्या बैंक प्रबंधन ने कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर पर्याप्त ध्यान दिया? क्या देश में बढ़ता प्रतिस्पर्धी माहौल कर्मचारियों के लिए मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है?

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विशेषज्ञों का मानना

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बढ़ते काम के दबाव और अनियमित काम के घंटों के कारण लोग मानसिक तनाव और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। इससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और अन्य गंभीर बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

क्या करें

  • कंपनियां: कंपनियों को अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें तनाव कम करने के लिए कार्यक्रम चलाने चाहिए।
  • कर्मचारी: कर्मचारियों को अपने काम के घंटों को संतुलित करना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।
  • सरकार: सरकार को ऐसे कानून बनाने चाहिए जो कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करें और उन्हें एक स्वस्थ कार्य वातावरण प्रदान करें।
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सदफ फातिमा की मौत एक दुखद घटना है जिसने हमें काम के दबाव के खतरों के बारे में जागरूक किया है। हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा और कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम उठाने होंगे।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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