हाईस्कूल की दो बार की परीक्षाओं में बदल गयी थी जन्मतिथि
मनीष अग्रवाल
आगरा (किरावली)। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों का तंत्र हमेशा से गहराता रहा है। विभाग की तमाम कवायदों के बावजूद इन पर लगाम नहीं लग पा रही है।
बता दें कि विभाग में इन दिनों कागारौल कस्बा निवासी और पिनाहट के बघरैना में तैनात रहे शिक्षक अब्दुल रज्जाक के फर्जीवाड़े का प्रकरण चर्चित बना हुआ है। विभागीय अनदेखी से वर्षों तक अब्दुल रज्जाक अपने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करते हुए मोटी पगार उठाता रहा। शिकायतकर्ता जमील कुरैशी पुत्र बहावउद्दीन कुरैशी निवासी मोहल्ला व्यापारियान किरावली द्वारा अब्दुल रज्जाक के खिलाफ दी गयी शिकायत के बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। शुरूआत में विभाग द्वारा मामले की हल्के में लिया गया। प्रकरण जब एडी बेसिक के संज्ञान में आया तो उन्होंने गहनता से इसकी जांच करवायी, जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
हाईस्कूल की दो परीक्षाओं में जन्मतिथि में हुआ हेरफेर
एडी बेसिक द्वारा करवायी गयी जांच में खुलासा हुआ कि अब्दुल रज्जाक द्वारा 1999 में पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा दी गयी जिसमें जन्मतिथि 11 जुलाई 1984 थी, वहीं 2007 की हाईस्कूल परीक्षा में 10 मार्च 1993 अंकित थी। जिसके मुताबिक जन्मतिथि को 9 वर्ष कम दर्शाकर कूटरचित दस्तावेज कर नौकरी हथिया ली गयी। शिक्षक के प्रमाणपत्रों का सत्यापन क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ से करवाया गया।
बर्खास्तगी में हो रही ढिलाई
बताया जाता है कि अब्दुल रज्जाक का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद विगत तीन माह पूर्व उसका निलंबन हुआ, बीईओ खंदौली द्वारा उसके खिलाफ जांच रिपोर्ट भी सौंपी गई। इसके बावजूद बीएसए द्वारा उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई अमल में नहीं लायी गयी है।
