आगरा: शाहगंज थाना क्षेत्र के शिव नगर निवासी जावेद पुत्र इमामुद्दीन को अपनी अवयस्क बेटी के अपहरण, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विशेष न्यायाधीश परवेज अख्तर ने उसे दस वर्ष के कठोर कारावास और 7,500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला उस समय सामने आया जब आरोपी ने पीड़िता से निकाह के बाद भी अपने कृत्य से नहीं बच पाया।
थाना शाहगंज में दर्ज इस मामले के अनुसार, पीड़िता की मां ने तहरीर दी थी कि उनकी बेटी 3 जुलाई 2021 को दोपहर 2 बजे अपने पिता की दवाई लेने के लिए कैमिस्ट की दुकान पर गई थी, लेकिन देर तक वापस नहीं आई। जब परिजनों ने उसकी तलाश की तो उन्हें पता चला कि आरोपी जावेद को उन्होंने पीड़िता के साथ देखा था।
इसके बाद यह जानकारी सामने आई कि पीड़िता घर से जाते समय 14,500 रुपये और कुछ सोने-चांदी के जेवर लेकर निकली थी। वादिनी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया और पीड़िता को सुरक्षित मुक्त करा लिया। पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और फिर उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देने के लिए प्रस्तुत किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक माधव शर्मा ने अपनी तर्कों और गवाहों के साथ मामले की पुष्टि की। गवाहों में पीड़िता, उसके पिता, स्कूल प्रधानाचार्य निरत श्रीवास्तव, एसआई रामकिशोर, डॉ. विजय लक्ष्मी, पुलिसकर्मी मनोज चौधरी और धौलपुर के होटल मालिकाना अर्चना अग्रवाल शामिल थे, जहाँ आरोपी ने पीड़िता के साथ दुराचार किया था।
सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर न्यायाधीश परवेज अख्तर ने आरोपी जावेद को दोषी पाते हुए उसे दस वर्ष की कठोर सजा और 7,500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।