युवती का अपहरण एवं दुराचार आरोपी को दस वर्ष कैद, 75 हजार रुपये का जुर्माना

आगरा में युवती का अपहरण और दुराचार आरोपी को दस साल की सजा, 75 हजार रुपये का जुर्माना

MD Khan
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आगरा: आगरा की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने 15 वर्षीय युवती के अपहरण, दुराचार और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है। आरोपी को 75 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना होगा।

आरोपी ने बड़ा सिंगर बनाने का सपना दिखाया

सिकन्दरा रोड, बोदला के निवासी 29 वर्षीय विवेक उर्फ प्रयास पत सरिया को दोषी पाते हुए विशेष न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने यह सजा सुनाई। विवेक पर आरोप है कि उसने युवती को बहला-फुसलाकर उसके साथ दुराचार किया और उसे अपने साथ ले गया। आरोपी ने युवती को यह सपना दिखाया था कि वह उसे एक बड़ा सिंगर बना देगा, जिससे वह युवती उसके जाल में फंस गई।

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पीड़िता के साथ लूट की घटना भी सामने आई

आरोपी ने 4 अप्रैल 2019 को युवती को अपने साथ भगा लिया और घर से सोने के 10-12 तोले, आधे किलो चांदी, 10 हजार रुपये और स्कूटी लेकर फरार हो गया। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और युवती को बरामद करने में सफलता प्राप्त की।

सजा के दौरान आरोपी के तर्कों को नकारा गया

आरोपी ने अदालत में अपने बचाव में कहा कि वह विवाहित है और उसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है, जिसमें बुजुर्ग माता-पिता और दो अविवाहित बहनें भी हैं। उसने कहा कि यह उसका पहला अपराध है। हालांकि, अदालत ने आरोपी के तर्कों को नकारते हुए उसे दोषी ठहराया।

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एडीजीसी सुभाष गिरी ने गवाहों की मदद से सजा सुनिश्चित की

अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी सुभाष गिरी ने मामले को मजबूती से प्रस्तुत किया और पीड़िता, गवाहों और विवेचक की मदद से आरोपी को दोषी ठहरवाया। अदालत ने आरोपी को दस साल की सजा और 75 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की राशि पूरी तरह से पीड़िता को दी जाएगी। इसके अलावा, आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी जाएगी।

आरोपी को सजा के साथ न्याय दिलाने की प्रक्रिया पूरी

इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के मामले में कानून सख्त है। कोर्ट ने सजा सुनाते हुए यह भी कहा कि भविष्य में इस प्रकार के अपराधों से बचाव के लिए समाज में जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है।

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यह मामला समाज में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध के खिलाफ सख्त संदेश देता है और यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे मामलों में न्याय जल्दी और प्रभावी तरीके से दिया जाएगा।

 

 

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