एनओसी होने की बहानेबाजी कर रहे सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आखिरकार दिखाए कड़े तेवर
आगरा। नियम कानूनों को ठेंगे पर रखकर दबंग चिकित्सक और उसके साझीदार द्वारा अवैध रूप से स्थापित की गई अवैध पुलिया अब सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों के रडार पर है। विभाग के जिन कथित अधिकारियों की संलिप्तता से अवैध पुलिया का निर्माण हुआ था, उन्होंने अब इस चर्चित प्रकरण से हाथ खींच लिए हैं।
जनपद के बिचपुरी क्षेत्र स्थित कलवारी चौराहा के समीप सदरवन नाला सिंचाई विभाग के अधीन है। उक्त नाले के ऊपर चिकित्सक और साझीदार ने मिलकर अवैध रूप से पुलिया स्थापित कर ली थी। सूत्रों के अनुसार, विगत में इसको लेकर विभाग ने नोटिस भी दिया था, लेकिन चिकित्सक और उसके साझीदार के प्रभाव में विभागीय अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। आपके समाचारपत्र ‘अग्रभारत’ द्वारा जनहित में इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित करने पर विभागीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट हुआ।
शुरूआत में एनओसी होने की बात कहने वाले अधिकारी अब कार्रवाई की बात कहने लगे
बताया जाता है कि इस मामले में सिंचाई विभाग के अधिकारियों से वार्ता करने पर उनके द्वारा बताया गया था कि इस पुलिया के लिए विभाग से एनओसी हासिल की गई है। एनओसी दिखाने के बाबत उनके द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। जितनी बार पूछा गया, उतनी बार वही बात दोहराई गई। जब प्रकरण तूल पकड़ने लगा, तो विभागीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पुलिया की जांच करवाने पर विभाग में इसकी कोई एनओसी प्राप्त नहीं हुई है। शीघ्र ही निर्णायक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इनका कहना है
“सदरवन नाला पर कॉलोनी हेतु विभाग की जमीन पर बनाई गई पुलिया की विभाग से किसी प्रकार की एनओसी नहीं ली गई है। नोटिस जारी कर दिया गया है। सात दिन में जवाब मांगा गया है। इसके बाद मय फोर्स के साथ पुलिया को ध्वस्त कराया जाएगा।”
– करनपाल सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग आगरा