अछनेरा में डालमिया फार्म हाउस की हुई पुनरावृत्ति
कटे पेड़ों की लकड़ियां खोजने के लिए वन विभाग का सर्च ऑपरेशन जारी
किरावली। अछनेरा के किरावली मार्ग पर कथित रूप से बिना एनओसी के विकसित की जा रही कॉलोनी में दो दर्जन से अधिक हरे छायादार हरे पेड़ों पर आरी चलवाने वाले सत्ताधारी दल से जुड़े कॉलोनाइजर एवं उसके गुर्गों के खिलाफ दर्ज हुए अभियोग के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरम है।
जिस भाजपा नेता गंगाधर कुशवाहा की कॉलोनी में पेड़ों पर आरी चली है, उसका बसपा से पुराना नाता रहा है। पार्टी से जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष की कुर्सी संभाली थी। प्रदेश में बसपा जब सत्ता से बाहर हुई तो चुपके से भाजपा में जगह बना ली। आम तौर पर संगठन के कार्यों में कम ही दिखने वाले गंगाधर सिंह कुशवाहा का जमीनों के मामले में जनपद के विभिन्न स्थानों कर खासा रसूख दिखता है। भाजपा के रंग में रंगा गंगाधर कुशवाहा का नाम कथित रूप से अवैध एवं स्वीकृत कॉलोनियों पर साफ देखा जा सकता है। सत्ता की इसी हनक में गंगाधर सिंह कुशवाहा जमीनों की खरीद फरोख्त में बड़ा नाम बन चुका है। बीते सोमवार को अछनेरा किरावली मार्ग पर कॉलोनी में सामने आए पेड़ों के काटने के प्रकरण के बाद क्षेत्र में धड़ल्ले से विकसित हो रही कालोनियों की सच्चाई भी धीरे धीरे सामने निकल कर आ रही है।
कृषि जमीनों पर धड़ल्ले से विकसित हो रही अवैध कॉलोनी
फतेहपुर सीकरी से लेकर पथौली नहर तक, बिचपुरी अछनेरा मार्ग, किरावली अछनेरा मार्ग, रायभा रुनकता मार्ग पर सैकड़ों अवैध कॉलोनी विकसित हो चुकी हैं। भूमाफियाओं द्वारा किसानों से एग्रीमेंट कराने के बाद कृषि जमीनों पर ही प्लॉट काटकर मोटा खेल किया जाता है। अधिकांश कॉलोनियों का मानचित्र भी स्वीकृत नहीं होता। निवेशकों को सुनहरे सब्ज़बाग दिखाए जाते हैं। इन अवैध कॉलोनियों में अपनी मेहनत की कमाई से प्लॉट खरीदने वालों को बाद में पछताने के सिवा कुछ हासिल नहीं होता। अधिकांश कॉलोनियों में सुविधाओं का अभाव होता है। ड्रेनेज सिस्टम से लेकर अन्य सुविधाएं हासिल करने में बेहद दिक्कतें आती हैं। सरकारी विभागों का भी इनके प्रति टालमटोल वाला रवैया रहता है।
पेड़ कटने में वन विभाग के कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध
सूत्रों के अनुसार, अछनेरा किरावली मार्ग कर जिस कॉलोनी में पेड़ों को काटा गया है। वहां लगभग दो दिन तक यह खेल चलता रहा। किरावली तहसील क्षेत्र में वन विभाग का पूरा अमला तैनात है। फील्ड की टीम से लेकर कार्यालय में नियमित अधिकारी की तैनाती है, इसके बावजूद दो दर्जन से अधिक पेड़ों को काट डाला गया, विभागीय टीम को भनक तक नहीं लगी। प्रकरण ने तूल पकड़ा तो वन विभाग की टीम दौड़कर पहुंची जब तक लकड़ियां गायब हो चुकी थी। अवशेष ही मौके पर दिख रहे थे। बाद में गायब हुई लकड़ियों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।
डालमिया फार्म हाउस प्रकरण की पुनरावृत्ति
मथुरा के छटीकरा में स्थित डालमिया फार्म हाउस में भी सत्ता के प्रभाव में 300 हरे-भरे पेड़ों पर आरी चलाई गई थी। उस मामले में वन विभाग सहित कई विभागों ने एफआईआर दर्ज कराई थी। कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था। लेकिन अछनेरा में इस घटना ने फिर से प्रशासन और वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
,,इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच होगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। थाने में मुकदमा दर्ज हो चुका है, विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। स्थानीय विभागीय कर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी।जहां पेड़ काटे गए हैं वहां पर शेष वृक्षों पर नंबरिंग कराई गई है
आदर्श कुमार-डीएफओ आगरा