बरेली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अभद्र टिप्पणी करने और उन्हें सिर तन से जुदा करने की धमकी देने वाले आरोपी ए मैजान रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने थाने से लंगड़ाते हुए बाहर आते हुए माफी मांगी और अपनी गलती स्वीकार की। इस पूरी घटना के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए मामले को सुलझाया।
क्या था पूरा मामला?
हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आरोपी मैजान रजा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सिर तन से जुदा करने की धमकी दी थी। इसके साथ ही उसने महाकुंभ 2025 के आयोजन को भी रोकने की धमकी दी थी। इस पोस्ट के बाद पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी। शुक्रवार की देर रात पुलिस ने बरेली के एक इलाके से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी ने थाने से बाहर आते हुए मांगी माफी
गिरफ्तारी के बाद शनिवार दोपहर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें आरोपी मैजान रजा थाने से हाथ जोड़ते हुए लंगड़ाते हुए बाहर निकलते हुए माफी मांग रहा था। वीडियो में उसने कहा, “गलती हो गई साहब, माफ कर दो। अब मैं कभी भी कोई गलत पोस्ट नहीं करूंगा और सभी धर्मों का सम्मान करूंगा।” आरोपी की इस भावुक माफी ने थाने के बाहर खड़े लोगों को भी चौंका दिया।
धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन
इस घटना ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। आरोपित ने जिस तरह से मुख्यमंत्री को धमकी दी थी, वह न केवल अवैध था बल्कि समाज में द्वेष और हिंसा को बढ़ावा देने वाला था। हालांकि, आरोपी ने अपनी गलती स्वीकार की है, लेकिन यह घटना एक बड़ी चेतावनी के रूप में सामने आई है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की तत्परता और कार्रवाई
बरेली पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505 (अ) (किसी समुदाय के बीच दुश्मनी पैदा करने का प्रयास) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसी धमकियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक और धार्मिक मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता
इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी करते समय हमें सतर्क रहना चाहिए। किसी भी नेता, धर्म या समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी से न केवल समाज में तनाव पैदा हो सकता है, बल्कि यह कानून और व्यवस्था की स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।
बरेली में हुई इस घटना से यह सिखने को मिलता है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने से न केवल व्यक्ति को कानूनी परिणाम भुगतने पड़ते हैं, बल्कि समाज में नफरत और तनाव भी फैल सकता है। आरोपी ने अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग ली है, लेकिन इसके बावजूद यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि किसी भी प्रकार की धार्मिक, जातीय या राजनीतिक हिंसा की निंदा करनी चाहिए और समाज में सौहार्द बनाए रखने के लिए सभी को जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए।