एटा। जनपद एटा में एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है। जिला मुख्यालय के माया पैलेस चौराहे पर एक रात, एक सरकारी एंबुलेंस टायर पंचर होने के कारण मरीज को लेकर करीब एक घंटे तक सड़क पर खड़ी रही। और तो और, एंबुलेंस में स्टेपनी तक नहीं थी, इसकी जगह एक खाली टायर रखा हुआ था।
एंबुलेंस कर्मचारियों की इस घोर लापरवाही के कारण मरीज की जान खतरे में पड़ गई। मरीज के परिजनों ने बार-बार हेल्पलाइन पर फोन कर दूसरी एंबुलेंस की मांग की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
प्राइवेट एंबुलेंस गिरोह का हाथ?
सूत्रों का कहना है कि सरकारी एंबुलेंसों की इस दुर्दशा के पीछे प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों का भी हाथ हो सकता है। जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में कुछ प्रभावशाली लोगों का एक प्राइवेट एंबुलेंस गिरोह सक्रिय है, जो नहीं चाहता कि सरकारी एंबुलेंसें सुचारू रूप से चलें।
सवाल उठते हैं:
- इस तरह की लापरवाही करने वाले एंबुलेंस कर्मचारियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग क्या कार्रवाई करेगा?
- क्या यह मामला दबा दिया जाएगा?
- क्या सरकारी एंबुलेंसों की स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?