फतेहपुर सीकरी में बाले मियां के उर्स में अदा की गई रस्म, सूफी संतों की एकता की भावना पर जोर

Shamim Siddique
3 Min Read
फतेहपुर सीकरी में बाले मियां के उर्स में अदा की गई रस्म, सूफी संतों की एकता की भावना पर जोर

फतेहपुर सीकरी: फतेहपुर सीकरी के मशहूर दरगाह हजरत ताजुद्दीन उर्फ वाले मियां चिश्ती पर 464वें उर्स के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अकीदत के साथ भाग लिया। इस मौके पर देर रात को कव्वालों ने अपनी मखमली आवाज में मियां की शान में कलाम पेश किया, जो कि श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर गया। उर्स के दौरान सभी धार्मिक रस्मों का पालन करते हुए एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया।

उर्स का आयोजन और विशेष कार्यक्रम

उर्स के दौरान, उप जिलाधिकारी राजेश कुमार, एसीपी गौरव सिंह, थाना प्रभारी धर्मेंद्र दहिया, और एएसआई के संरक्षण सहायक दिलीप सिंह ने संयोजक हाजी नवाब उद्दीन चिश्ती के साथ मिलकर हजरत बाबा वाले मियां चिश्ती की दरगाह पर चादरपोशी की। चादरपोशी एक महत्वपूर्ण धार्मिक रस्म है, जो उर्स के दौरान संतों की शान में अदा की जाती है। इसके बाद, सभी ने एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में अपने देश की भलाई के लिए दुआ की।

See also  आगरा में कांग्रेस का ध्वज वंदन कार्यक्रम, क्षेत्रीय लोगों को जोड़ा

देश की एकता और अखंडता में सूफी संतों का योगदान

हाजी मुकीम चिश्ती ने इस अवसर पर पगड़ी बांधकर कहा कि सूफी संतों का भारतीय समाज की एकता और अखंडता में अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश सूफी संतों का देश है, और यहां के महान संतों जैसे कबीरदास, तुलसीदास, ख्वाजा गरीब नवाज, और हज़रत निजामुद्दीन के योगदान से हिन्दू और मुस्लिम समाज हमेशा एकता और भाईचारे की मिसाल पेश करता आया है।

गुस्ल की रस्म और लंगर का आयोजन

इस मौके पर, हाजी मुकीम चिश्ती ने दरगाह पर गुस्ल की रस्म अदा की और सक्कल जायरीनों को लंगर तकसीम किया। इस धार्मिक कार्य से दरगाह की पवित्रता बनी रहती है और भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है। गुस्ल की रस्म के दौरान भक्तों ने इश्वर से देश और समाज की खुशहाली की कामना की।

See also  खेरागढ़:योग से दिया स्वस्थ रहने का संदेश

सामाजिक समरसता और धार्मिक एकता की मिसाल

उर्स के आयोजन के दौरान सद्दाम प्रधान, मठरुआ कुरेशी, मोहम्मद इस्लाम, मेहराज कुरेशी, यूसुफ खान, डॉ. मुस्तकीम, रूहल अमीन चिश्ती, शाहिद आलम कुरेशी, हाजी नूर आलम, बाबर भाई, बकील कुरेशी, इलियास भाई, दिलशाद समीर साबिर कुरेशी जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने पगड़ी बांधकर उर्स में शामिल होने वालों का स्वागत किया। इन सबने एक साथ मिलकर इस धार्मिक आयोजन को और भी खास बना दिया और समाज में एकता और भाईचारे का संदेश दिया।

उर्स के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि

इस साल का उर्स पहले से कहीं अधिक भव्य और श्रद्धालु भक्तों से भरा हुआ था। दरगाह की दीवारों से लेकर उसके आंगन तक भक्तों की भीड़ देखी गई, जिन्होंने धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लिया और मियां की दरगाह पर अपनी श्रद्धा अर्पित की। उर्स के इस आयोजन ने फतेहपुर सीकरी की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध किया है।

See also  आगरा में कांग्रेस का ध्वज वंदन कार्यक्रम, क्षेत्रीय लोगों को जोड़ा
Share This Article
Leave a comment