आगरा: आगरा में एक दिल छू लेने वाली घटना ने सभी को भावुक कर दिया, जब 22 साल बाद मां-बेटे का मिलन हुआ। जब बबलू चार साल का था, तब वह अपने माता-पिता से बिछड़ गया था। अब, 26 वर्ष की उम्र में, जब उसका और उसके माता-पिता का वीडियो कॉल पर आमना-सामना हुआ, तो किसी ने भी एक-दूसरे को पहचान नहीं पाया।
जीआरपी पुलिस ने इस मिलन की व्यवस्था की, जब उन्होंने बबलू की तस्वीरें माता-पिता को दिखाईं। तस्वीरें देखकर मां अंगूरी अपने बेटे से लिपट गईं, और पिता सुखदेव की आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
मामले की पृष्ठभूमि
बबलू, जो बुलंदशहर के रहने वाले हैं, 22 साल पहले दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर अपने माता-पिता से बिछड़ गया था। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस में दर्ज की गई थी, लेकिन उसके बाद कोई सुराग नहीं मिला। परिवार ने वर्षों तक अपने बेटे की तलाश की, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे।
जीआरपी की “आपरेशन मुस्कान” के तहत, 22 साल बाद बबलू के मामले को उठाया गया। एसपी रेलवे अभिषेक वर्मा ने बताया कि बबलू को संभवतः उस समय दिल्ली के प्रयास बाल सुधार गृह में पहुंचाया गया था, जहां वह 14 साल तक रहा और फिर नौकरी पर रखा गया।
खोज प्रक्रिया
जीआरपी आगरा की टीम ने बबलू की तलाश के लिए सी-प्लान ऐप और गूगल मैप का सहारा लिया। अंततः, बबलू ने बताया कि उसके गांव का नाम धनौरा है। जब टीम ने इस गांव के निकट के रेलवे स्टेशन चोला की पहचान की, तो वहां से बबलू के परिवार के बारे में जानकारी मिली।
जब बबलू की तस्वीर गांव में भेजी गई, तो उसके माता-पिता ने उसे पहचान लिया। इसके बाद, जीआरपी ने वीडियो कॉल के जरिए मां-बेटे को मिलवाया।
भावुक क्षण
22 साल की दूरी के बावजूद, मिलन का क्षण अत्यंत भावुक था। मां और पिता की आंखों में खुशी और अविश्वास की मिलीजुली भावनाएं थीं। अंततः, इस 22 साल की यात्रा ने एक परिवार को फिर से जोड़ दिया, और बबलू अपने माता-पिता के साथ घर लौटने के लिए तैयार हो गए।