उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तारीख नजदीक आते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। अखिलेश की राहुल गांधी के साथ तस्वीर पर भाजपा ने चुटकी लेते हुए कहा, “ठग ने महाठग को ही ठग लिया।” जानें, कैसे यह विवाद चुनावी माहौल को प्रभावित कर रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राहुल गांधी के साथ अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कर गठबंधन की ताकत को उजागर किया। इसके जवाब में भाजपा ने चुटकी लेते हुए कहा, “ठग ने महाठग को ही ठग लिया।” यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर पूरे दिन चर्चा का विषय बनी रही।
सियासी माहौल में गर्मी
सपा जहां लोकसभा चुनाव में अपनी उपलब्धियों को उपचुनाव में दोहराना चाहती है, वहीं भाजपा इसे एक चुनौती के रूप में देख रही है। प्रदेश में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से वोटरों को प्रभावित करने में जुटे हैं।
कांग्रेस ने सपा का साथ देने की घोषणा
हाल ही में, आईएनडीआईए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ती दिख रही थीं। लेकिन, अखिलेश यादव ने सभी नौ सीटों पर साइकिल चिह्न पर चुनाव लड़ने का एलान कर कांग्रेस को झटका दिया। इसके बावजूद, कांग्रेस ने उपचुनाव में सपा का समर्थन करने की घोषणा की, ताकि गठबंधन को बनाए रखा जा सके।
अखिलेश की पोस्ट पर भाजपा की प्रतिक्रिया
गुरुवार सुबह, अखिलेश यादव ने राहुल गांधी के साथ एक फोटो साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा, “हमने ये ठाना है संविधान, आरक्षण, सौहार्द बचाना है।” इसी पोस्ट पर यूपी भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रतिक्रिया दी गई, जिसमें कहा गया, “ठग ने महाठग को ही ठग लिया।”
उपचुनाव की तैयारी
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों के लिए चल रहे उपचुनाव में अब तक 71 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। चुनाव आयोग ने बताया कि नामांकन की अंतिम तारीख शुक्रवार है और मतदान 13 नवंबर को होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों की संख्या बढ़ रही है। जैसे कि मीरापुर (मुजफ्फरनगर) के लिए छह प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है, जबकि कुदंरकी (मुरादाबाद) के लिए पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है।
जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा और आरोप-प्रत्यारोप का माहौल और भी गरमाता जा रहा है। सपा और भाजपा के बीच की यह जुबानी जंग आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।